विशेष संवाददाता
पटना एसटीएफ की टीम ने शनिवार को सुबह जमुई-झारखंड के सीमावर्ती इलाक़े दुमका से जिस 11 लाख के इनामी नक्सली कमांडर सिद्धू कोड़ा को गिरफ़्तार किया था उसकी शनिवार की ही रात मौत हो गयी। जमुई के एसडीपीओ रामपुकार सिंह ने देर रात विज्ञप्ति जारी कर बताया कि गिरफ़्तारी के बाद सिद्धू को साथ में लेकर जमुई में एसटीएफ की टीम छापेमारी कर रही थी। इसी दौरान जंगल में सिद्धू ने पेट और छाती दर्द की शिकायत की। तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद उसे सदर अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गिरफ्तार नक्सली कोड़ा की निशानदेही पर चकाई इलाके से एक अन्य नक्सली को भी गिरफ्तार किया गया। दूसरे नक्सली की पहचान इलियास हेंब्रम के रूप में की गई। इलियास चकाई थाना के हिंडला गांव का रहने वाला है। गिरफ्तारी की पुष्टि जमुई एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनू ने की ।
सिद्धू कोड़ा के पास से एक एके 47 राइफल, एक इंसास राइफल समेत तीन अत्याधुनिक हथियार और 42 कारतूस बरामद किए गए हैं। नक्सली कमांडर सिद्दू कोड़ा पर चार दर्जन नक्सली घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है। इसके अलावा झारखंड के सीआरपीएफ में तैनात आईपीएस रैंक के अधिकारी हीरा झा की हत्या कराने का भी आरोप है। 2014 में सर्च अभियान के दौरान मुठभेड़ हुई थी जिसमें गोली लगने से हीरा झा शहीद हो गए थे।
जमुई इलाके में पिछले एक दशक से सिद्धू कोड़ा संगठन को लीड कर रहा था। सिद्धू कोड़ा सिर्फ बिहार पुलिस ही नहीं बल्कि झारखंड व छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए भी सरदर्द बना हुआ था। वहीं पुलिस गिरफ्तार नक्सली की निशानदेही पर जमुई, बांका समेत कई जिले में छापेमारी कर रही है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने कई बार रणनीति बनाई लेकिन हर बार वह भागने में सफल हो जाता था । सिद्धू कोड़ा पर बिहार सरकार ने एक लाख तो झारखंड सरकार ने 10 लाख का इनाम रखा था।