रेलवे ने 21 दिन के लॉकडाउन के बाद आगामी 15 अप्रैल से अधिकतर यात्री ट्रेन चलाने के लिए कमर कस ली है। इसके तहत रेल प्रशासन ने ड्राइवर, गार्ड, स्टेशन मैनेजर व अन्य कर्मचारियों को ट्रेन का टाइमटेबल भी भेज दिया है। रेलवे बोर्ड ने सभी 17 जोनल रेलवे से रद ट्रेनों को चलाने के लिए तैयार रहने को कहा है। इसके तहत उत्तर रेलवे ने 244 ट्रेनो का टाइमटेबल संबंधित रेल अधिकारियों व कर्मचारियों को भेज दिया है।
लेकिन सवाल है कि क्या तब तक देश के हालात इतने बेहतर हो चुके होंगे ? क्या feedback सरकार के पास है जबकि किट के अभाव में जांच प्राथमिक चरण में ही हैं। 14 अप्रैल तक तो lockdown जारी ही रहना है। यहां तक कि सरकार अभी sure नहीं है कि क्या होगा। अगर मान भी लें कि हालात में सुधार हो जाएगा तो भी जानकार यह कह रहे हैं कि कई दिन तक सावधानी बरतनी होगी। मास्क पहनना होगा। ऐसे में ट्रेन चलाने का फैसला समझ के परे है। रेल मंत्रालय का भी कोई संकेत नही आया है।
आज ही air india ने अपनी अंतराष्ट्रीय और घरेलू उड़ान 30 अप्रैल तक बंद रखने की घोषणा की है। यह अपने आप में क्या विरोधाभास नहीं ?
बहरहाल, रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 80 फीसदी से अधिक ट्रेनो को चलाने के आदेश दिए गए हैं। इसमें सभी राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, सुपरफास्ट, मेल-एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं।
अधिकारी के मुताबिक, कमोबेश सभी 17 जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों ने अपने यहां से चलने वाली ट्रेन तैयार कर ली हैं। ये ट्रेन 14 अप्रैल रात 12 बजे के बाद पटरियों पर दौड़ने लगेंगी। लंबी दूरी के अलावा जरूरत के अनुसार लोकल और पैसेंजर ट्रेन को भी चलाया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि 21 दिन के लॉकडाउन के बाद रेल प्रशासन ट्रेन चलाने के लिए मुस्तैद है। इसके लिए केंद्र सरकार से हरी झंडी का इंतजार है। उन्होंने बताया कि 13,524 ट्रेन में से 3,695 लंबी दूरी की मेल-एक्सप्रेस ट्रेन हैं। केंद्र सरकार कोरोना के मद्दनेजर यदि कम संख्या में ट्रेन चलाने के लिए कहेगी तो इसका पालन किया जाएगा।
स्टेशन, ट्रेन में थर्मल जांच होगी
रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेन में चढ़ते समय महामारी रोग अधिनियम का पालन किया जाएगा। इसमें यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग से लेकर अन्य जरूरी उपाय शामिल होंगे। इसके अलावा 21 दिन के लॉकडाउन के बाद स्टेशनों पर उमड़ने वाली भारी भीड़ से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।