टोक्यो ओलंपिक के पहले दिन भारत को सेलिवर मेडल दिलाने वाली मीराबाई चानू अब देश लौट आई हैं। भारत पहुंचते ही एयरपोर्ट में उनका भव्य स्वागत किया गया। दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट में उनका जबरदस्त स्वागत हुआ है। चानू ने वेटलिफ्टिंग के 49 किलोग्राम वर्ग में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया है और खबरों की मानें तो उनका सिल्वर मेडल गोल्ड मेडल में भी बदल सकता है, क्योंकि गोल्ड मेडल जीतने वाली चीनी खिलाड़ी डोपिंग के फेर में फंस गई हैं।

मीराबाई चानू वेटलिफ्टिंग में भारत को पदक दिलाने वाली दूसरी खिलाड़ी हैं। उन्होंने इससे पहले 2016 ओलंपिक में भी भारत को पदक दिलाने की कोशिश की थी, पर उस समय उन्हें सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद 2021 में उन्होंने भारत को पदक दिला दिया।

202 किलो उठाकर जीता पदक

49 साल की मीराबाई चानू ने 202 किलोग्राम वजन उठाकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया। वहीं चीनी खिलाड़ी ने 210 किलोग्राम वजन उठाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। मीराबाई का बचपन पहाड़ों से जलावन लकड़ियां उठाते हुए गुजरा था। वो शुरुआत से भारी वजन उठाने में चैंपियन थी और अपनी इसी प्रतिभा की बदौलत 26 वर्षीय चानू ने देश का नाम रोशन किया है। हालांकि मीराबाई पहले तीरंदाज बनना चाहती थीं, लेकिन आठवीं कक्षा में मशहूर वेटलिफ्टर कुंजारानी देवी के बारे में पढ़ने के बाद उनका लक्ष्य बदल गया।

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