विशेष सःवाददाता
पंजाब के नवांशहर के पास गांव रुड़की में शुक्रवार पूर्वान्ह साढ़े 11 बजे वायु सेना का लड़ाकू विमान मिग-29 तकनीकी गड़बड़ी के कारण क्रैश हो गया। विमान के दोनों पायलट पैराशूट से कूूूद गए। दोनों पायलट सुरक्षित हैं।
यहां तक तो गनीमत है। लेकिन अब तो गणना भी फेल है कि कौन सा था जो क्रैश हो गया। इन्हें उस जमाने में लिया गया, जब हम सोवियत संघ सृ उपकृत होते थे और उसी में से कमीशन भी खा लिया जाता था। जाहिर है ये धंधा सहस्वीकार्य था। इसे कमीशन कहा गया, काम करने का पुरस्कार मन गया, लेकिन दलाली नहीं कहा गया। गलत नहीं माना गया। इसी की आड़ में दलाली चालू हो गयी। इसके बाद सबने देखा कि कितने खोटे सौदे हुए। उसका दुष्परिणाम भी सबने देखा और भोगा। मिग 29 भी एक ऐसा ही सौदा है जो दशकों पहले हुआ और उसके कई संस्करण हम पर लादे गए। ये लगातार गिरते रहे, सवालों में घिरे, लेकिन सरकारों के प्रिय बने रहे। अगर पैसा देकर खरीदना है तो उन्नत तकनीक के विमान लें। ये सोच कब आएगी? जिस विमान को लेकर विपक्षी दल के रूप में सवाल उठाने वाले सत्ता में आते ही क्यों शांत हो जाते हैं।ये सिलसिला लंबा है। पायलट बच जाते हैं तो इसका अर्थ नहीं कि विमान की तकनीक का कमाल है। ये ऊपर वाले कि कृपा है, यहां दलाली से जान नहीं बची। दलाली से पैसे खाये जा सकते हैं, जान नही बचाई जा सकती।
जहां तक मिग-29 का सवाल है तो सुबह 10.30 बजे जालंधर के आदमपुर स्टेशन से उसने उड़ान भरी थी। विमान के क्रैश होने से खेतों में आग लग गई। सेना ने जांच के आदेश दे दिये हैं। हादसा का सही कारण क्या रहा, इसके बारे में विशेषज्ञ टीम के पहुंचने के बाद ही पता चल पाएगा। फिलहाल विमान के चारों ओर घेरा बना दिया गया है और किसी को भी आने नहीं दिया जा रहा है।
इससे पहले गत माह होशियारपुर के हाजीपुर स्थित गांव बुड्ढावड़ में भी वायु सेना केे अपाचे हेलिकॉप्टर में तकनीकि खराबी आई थी। इसके कारण उसकी खेतों मेें इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। हालांकि तब हेलिकॉप्टर को किसी तरह का नुक्सान नहीं पहुंचा था। हेलिकॉप्टर में मौजूद दोनों पायलट और हेलिकॉप्टर पूरी तरह सुरक्षित रहे।