विशेष संवाददाता
दिल्ली पुलिस को ऐसे कौन से सुबूत हाथ लग गये हैं कि तबलीगी जमात के सरगना मौलाना साद पर अनिच्छा हत्या यानी गैर इरादतन हत्या की धारा भी छोड दी है? क्या पुलिस के पास उसका वायरल हो चुका आडियो नहीं था जिसमें वो मरकज में मौजूद अपने अनुयायियों को कोरोना वायरस के खिलाफ बरगला रहा थ ? दिल्ली पुलिस उस वीडियो की फोरेन्सिक जांच कराने के बाद उसी समय मरकज के तथाकथित अमीर पर नरसंहार के दोषी की धारा नहीं लगा सकती थी ?
सवाल यह कि जब पुलिस को उसके ठिकाने की जानकारी है यो फिर वो अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुआ ?
दिल्ली पुलिस केन्द्र के हाथ में है। इसके लिए गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी कम जिम्मेदार नहीं । पिछली 28 मार्च को मरकज में साद से मिलने गये अजित डोभाल साहब कहीं क्वारंटाइन पर तो नहीं हैं। क्योंकि इधर उनके बारे में कुछ भी सुनायी नहीं दिया है। नेशन न्यूज का तो यह कहना है कि जमात के चलते देश में कोरोना के खिलाफ लडी जा रहीं जंग कठिन से कठिनतर हो गयी है। ऐसे मे साद जैसों को कायदे से सबक सिखाने की जरूरत है।
जाकिर नगर में अपने साढू के घर छिपा है साद। पुलिस को भी इसकी जानकारी है फिर भी उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही, यह करोड टके का सवाल है ?
आइए देखते हैं पुलिस का क्या कहना है।
तबलीग़ी जमात के चीफ मौलाना साद कांधलवी व अन्य मौलानाओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ( crime branch ) ने दर्ज एफआईआर में non willfull murder गैर इरादतन हत्या की धारा भी जोड़ दी है। ऐसे में मौलाना साद समेत सभी आरोपियों को anticipatory bail अग्रिम जमानत लेना मुश्किल हो जाएगा।
अपराध शाखा ने मौलाना साद समेत 17 लोगों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था। इनमें से मौलाना साद समेत 11 ने खुद को quarantine क्वारंटाइन बताया था। हालांकि मौलाना साद का क्वारंटाइन खत्म हो गया है। ऐसे में अब उसकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जाएगा।
नयी धारा से बढ़ी मौलाना की मुश्किलें
Tablighi Jamaat तबलीग़ी जमात के प्रमुख मौलाना साद की मुश्किलें दिल्ली पुलिस की तरफ से गैर इरादतन हत्या की धारा लगाने के बाद और बढ़ जाएंगी। इसके चलते निजामुद्दीन स्थित मरकज में जमातियों के corona positive कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से गायब मौलाना के खिलाफ दर्ज मुकदमा अब ज्यादा संगीन हो गया है।
अपराध शाखा में 31 मार्च को दर्ज किए गए मुकदमे में मौलाना साद और अन्य लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम और IPC आईपीसी की धारा 269, 270,271 व 120 B के तहत कार्रवाई की गई थी। इन सभी धाराओं में बहुत संगीन जुर्म नहीं बनता है और ये सभी जमानती धाराएं थीं।
लेकिन अपराध शाखा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान markaz मरकज में किए जा रहे कार्यों से लोगों व देश को मौत के मुंह में धकेले जाने की कोशिश सामने आई है। सबूत मिलने के बाद अपराध शाखा ने दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) की धारा जोड़ दी। इसके तहत आरोप सिद्ध होने पर maulana Saaf मौलाना साद आदि को कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा मिल सकती है।
जमातियों पर देशभर में कार्रवाई
Nizamuddin Markaz निजामुद्दीन मरकज में आयोजित कार्यक्रम में कम से कम 9000 जमाती शामिल हुए थे, जो बाद में देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचार के लिए निकल गए और महामारी फैलती चली गई। दिल्ली इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। मरकज में पुलिस कार्रवाई के दौरान ही करीब 2300 जमातियों को निकालकर quarantine क्वारंटीन किया गया था। पूरे देश में मरकज में शामिल रहे जमातियों की पहचान करने का अभियान चलाया गया, जिसके तहत विभिन्न राज्य सरकारों की मदद से 25,500 जमातियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को क्वारंटीन किया जा चुका है।
मरकज की प्रारंभिक जांच पूरी
Delhi Police Commissioner S N Srivastava दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने 14 अप्रैल को video conferencing वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसमें तबलीगी मरकज का मुद्दा उठा था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पुलिस आयुक्त को बताया कि मरकज मामले की शुरुआती जांच व verification वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब दूसरे स्तर की वेरीफिकेशन चल रही है। पुलिस आयुक्त ने संबंधित सीनियर पुलिस अधिकारियों को मरकज मामले की जांच पर नजर रखने का कहा है।