दुबई | यूएई में आईपीएल का आयोजन क्रिकेट के सुधि जानकार को पहले ही खटका था। जैव सुरक्षा वातावरण में इसका आयोजन भारत मे भी हो सकता था। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तो मैच फिक्सिंग का गढ रहा है। इसलिए जो अंदेशा था वो सामने आ गया। यहाँ खेले जा रहे आईपीएल के 13वें संस्करण पर भी फिक्सिंग के बादल मंडरा रहे हैं जिसकी पुष्टि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी की है।
समझा जाता है कि एक बाहरी एजेंट ने आईपीएल में खेल रहे खिलाड़ी से फिक्सिंग को लेकर संपर्क साधा है। इस खिलाड़ी और उसकी टीम के नाम को ऐसे मामलों में गोपनीय प्रक्रिया के चलते गुप्त रखा गया है। इस मामले की पुष्टि बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) ने की है। एसीयू के प्रमुख अजित सिंह ने कहा है कि आईपीएल में एक खिलाड़ी से किसी अनजान आदमी ने फिक्सिंग को लेकर संपर्क करने की कोशिश की थी। उस एजेंट का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि आईपीएल के दौरान एसीयू खेल को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए खिलाड़ियों को ऑनलाइन काउंसलिंग सेशन दे रही है। आईपीएल खेल रहे खिलाड़ियों को भी सभी प्रोटोकॉल की जानकारी दी गई है। आईपीएल हालांकि जैव सुरक्षा वातावरण में खेला जा रहा है जहां कोई भी किसी खिलाड़ी से सीधे संपर्क नहीं कर सकता है लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के चलते खिलाड़ियों से संपर्क साधा जा सकता है। बीसीसीआई ने आईपीएल में फिक्सिंग और सट्टेबाजी पर लगाम लगाने के लिए ब्रिटेन की कंपनी ‘स्पोर्ट रडार’ के साथ करार किया है जो जांच प्रणाली के जरिए भ्रष्ट गतिविधियों पर नजर रखेगी।
समझौते के तहत आईपीएल के सभी मैचों के लिए ‘स्पोर्ट रडार’ एसीयू के साथ मिलकर काम करेगी और अपनी जांच प्रणाली के जरिए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का प्रयास करेगी। ‘स्पोर्ट रडार’ इंटीग्रिटी सेवा के प्रबंध निदेशक एंड्रियास क्रानिक ने कहा था कि हम टूर्नामेंट में भ्रष्टाचार को रोकने में मदद करेंगे। अभी तक ऐसा पहला मामला प्रकाश में आया है जहां खिलाड़ी से संपर्क साधा गया है। खिलाड़ी ने हालांकि तुरंत इस बात की जानकारी एसीयू को दे दी थी लेकिन बीसीसीआई पूरी तरह सतर्क हो गया है और एसीयू ने अपनी तहकीकात तेज कर दी है।