मलेरिया की दवा hydroxychloroquine हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) की बढ़ती मांग को देखते हुए भारत ने कुछ देशों को इसकी आपूर्ति करने की छूट दे दी है। पिछले शनिवार को ही भारत ने coronavirus कोरोनावायरस में कारगर समझी जाने वाली इस दवा के export निर्यात को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया था। लेकिन कोरोना से बुरी तरह प्रभावित America अमेरिका व अन्य देशों समेत कुछ पड़ोसी देशों से इसकी मांग को देखते हुए इसे दूसरे देशों को आपूर्ति करने की छूट कंपनियों को दी गई है। दूसरे देशों में इस दवा की मांग कितनी ज्यादा है, इसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि America ने भारत को परोक्ष तौर पर धमकी दे थी कि अगर उसने आपूर्ति नहीं की तो वह बदले की कार्रवाई कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में सहयोग सद्भावना हो मजबूत
विदेश मंत्रालय के spokesman अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि Covid-19 जिस तरह से पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है उसे देखते हुए भारत इस बात में विश्वास करता है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में सहयोग व सद्भावना और मजबूत होनी चाहिए। इस भावना के तहत ही हमने दूसरे देशों को हमारे यहां से अपने नागरिकों को निकालने की अनुमति दी है। कोरोनावायरस की व्यापक भयावहता को देखते हुए भारत ने यह फैसला किया है कि वह अपने पड़ोसी देशों को पर्याप्त मात्रा में पैरासिटामोल (paracetamol) और एचसीक्यू ( hydroxychloroquine ) की आपूर्ति करेगा। अधिकांश पड़ोसी देश इन दवाइयों के लिए भारत पर ही निर्भर हैं। साथ ही भारत इन दवाइयों को इस महामारी से बुरी तरह से प्रभावित दूसरे देशों को भी आपूर्ति करेगा।’ उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि अब इस मुद्दे पर कोई राजनीति करने की कोशिश नहीं की जाएगी।
अमेरिका समेत दो दर्जन देशों को होगी आपूर्ति
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि बहुत जरुरतमंद देशों को दवाओं की आपूर्ति का फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान से पहले ले लिया गया था और भारत अमेरिका के अलावा कम से कम दो दर्जन देशों को और इस दवा की आपूर्ति करेगा। लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नही हो सका है कि उन देशों में पाकिस्तान भी है या नही।
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि कोविड-19 से जुड़ी दवाओं और पैरासिटामोल को लेकर बेवजह का विवाद बनाने की कोशिश कई स्तरों पर हो रही है। किसी भी जिम्मेदार सरकार की तरह भारत की भी यही कोशिश है कि पहले अपनी जनता के लिए इन दवाओं को सुरक्षित रखा जाए। इसी उद्देश्य से कुछ अस्थायी कदम उठाए गये थे ताकि सभी घरेलू स्टाक का निर्यात न हो सके। लेकिन देश भर में इन दवाओं की आपूर्ति व स्टाक का सही तरह से आकलन हो चुका है और अब ढिलाई बरती जा रही है। Directorate General Foreign Trade (डीजीएफटी) को 14 तरह की दवाओं पर लगी रोक में काफी ढील दे दी गयी है। वैसे एचसीक्यू और पैरासिटामोल को अभी भी लाइसेंस वाली सूची में ही रखा गया है। लेकिन जरुरतमंद देशों को इसकी आपूर्ति की जाएगी। जिन कंपनियों ने निर्यात का आर्डर हासिल किया है वे अब निर्यात कर सकेंगी।