नगर प्रतिनिधि

वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और संबद्ध महाविद्यालयों में आवेदन पत्रों की गड़बड़ी से विद्यार्थी परेशान हैं। विश्वविद्यालय से लेकर संबद्ध महाविद्यालयों में आवेदन पत्रों में गड़बड़ी सामने आ रही है। कहीं छात्र को छात्रा तो छात्रा को छात्र बना दिया गया है। किसी की जन्मतिथि गड़बड़ है तो किसी के नाम में ही अंतर है।

विश्वविद्यालय और महाविद्यालय की गड़बड़ियों का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। परीक्षा फार्म भरने की तिथि पांच मार्च से बढ़ाकर 15 मार्च कर दी गई है। इससे छात्रों को थोड़ी राहत तो मिली है, लेकिन उनके पंजीकरण फार्म की गड़बड़ियां अभी तक दूर नहीं हो सकी हैं। 15 फरवरी से आवेदन पत्रों की गड़बड़ी से संबंधित  आठ से दस मामले रोजाना विश्वविद्यालय के परीक्षा पटल पर पहुंच रहे हैं। अबतक करीब 150 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। छात्रों को विश्वविद्यालय से महाविद्यालय तक की दौड़ लगवाई जा रही है। छात्रों का कहना है कि उन्होंने तो सही आवेदन किया था, लेकिन जब ऑनलाइन डाटा फीड किया गया तो उसमें गड़बड़ियां नजर आ रही हैं।

केस एक-
एलएलबी के छात्र आकाश कुमार को आवेदन फार्म में छात्र की जगह छात्रा बना दिया गया है। उन्होंने जब परीक्षा फार्म के लिए आवेदन किया तो आवेदन निरस्त कर दिया गया। जब उन्होंने महाविद्यालय से संपर्क किया तो पता चला कि उनके जेंडर के कालम में पुरुष की जगह महिला दर्ज हो गया है।
केस दो
स्नातक के छात्र राजेश तीन दिन से विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं। आवेदन पत्र में उनकी जन्मतिथि गड़बड़ हो गई है और अब परीक्षा फार्म भरने में परेशानी हो रही है। काशी विद्यापीठ से संबद्ध महाविद्यालय में दाखिले के समय राजेश ने संपूर्ण दस्तावेज सही ढंग से भरे थे।

छात्रा से मांगे 4000 रुपये
सारनाथ गाजीपुर स्थित एक महाविद्यालय की छात्रा ने बताया कि नाम की  गड़बड़ी दुरुस्त कराने के लिए काफी परेशान होना पड़ा। महाविद्यालय से 4000 रुपये की मांग की गई। जब छात्रा ने विश्वविद्यालय से जानकारी ली तो पता चला कि शुल्क केवल 100 रुपये ही है। छात्रा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इसकी शिकायत की तब जाकर आवेदन पत्र की गड़बड़ी दूर हुई।
प्राथमिकता के आधार पर दूर हो रही हैं गड़बड़ियां
कुलसचिव डॉ. एसएल मौर्य ने बताया कि आवेदन पत्रों में गड़बड़ियों को दुरुस्त कराया जाएगा। जिन छात्रों के आवेदन पत्र मिल रहे हैं, उनको प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जा रहा है। छात्रों ने ही आवेदन के समय गड़बड़ियां की हैं जिसके कारण यह समस्या आ रही है।

संबद्ध महाविद्यालयों में शिकायतों का अंबार
काशी विद्यापीठ से संबद्ध चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, भदोही और वाराणसी के महाविद्यालयों में गड़बड़ियों की शिकायतें सबसे अधिक हैं। छात्र विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के बीच भागदौड़ करके परेशान हो रहे हैं।

अपनी लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं छात्र
कुलसचिव डॉ. एसएल मौर्य का कहना है कि छात्रों ने जब ऑनलाइन आवेदन किए तो उन्होंने ही अपने स्तर पर गड़बड़ियां की हैं। छात्रों ने साइबर कैफे से ऑनलाइन आवेदन स्वयं किए हैं या किसी के माध्यम से करवाया है। आवेदन करते समय की गई लापरवाही का खामियाजा छात्र भुगत रहे हैं।

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