बदायूं गैंगरेप केस का मुख्य आरोपी 50 हजार इनामी महंत सत्यनारायण को गुरुवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की कई टीमें उसे खोजती रही लेकिन वह पहले उसी मंदिर के पास खेत में छुपा था जहां उसने हैवानियत की थी बाद में पड़ोस के गांव में चला गया। पुलिस का दावा है कि उसने गांव वालों के सहयोग से आरोपी को पकड़ा। पुलिस हिरासत में उससे पूछताछ की जा रही है। महंत की मदद करने वाले दो सहयोगी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
3 जनवरी की रात बदायूं जिले में आंगनबाड़ी सहायिका के साथ गैंगरेप किया गया। पीएम रिपोर्ट में उसके साथ हुई हैवानियत का खुलासा हुआ तो खलबली मची। इस वारदात के बाद से ही आरोपी महंत सत्यनारायण फरार चल रहा था। प्रदेश सरकार ने गुरुवार को आईजी रेंज राजेश पांडेय को बदायूं में कैंप कर आरोपी महंत की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। आईजी शाम को बदायूं पहुंचे। इसके बाद उन्होंने एसपी संकल्प शर्मा, एडिशनल एसपी और सीओ के साथ बैठक की। बाद में गांव के प्रधान व अन्य संभ्रांत लोगों के साथ बातचीत की। धर्म स्थल के आसपास से जुड़े प्रभावशाली लोगों से भी बातचीत की। देर रात कांबिंग शुरू की गई। गांव वालों ने महंत को खेत से पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस का कहना है कि गांव वालों के सहयोग से आरोपी महंत सत्यनारायण को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस हिरासत में उससे पूछताछ की जा रही है। आरोपी घटना के बाद से आसपास के खेतों में छुपा रहा। उसके अनुयाई उसे खाने पीने की चीजे खेत में ही पहुंचा रहे थे। राजेश पांडेय, आईजी रेंज ने बताया कि आरोपी महंत को उघैती में धर्म स्थल के पास से ही गिरफ्तार किया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। उसके दोनों सहयोगियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। शुक्रवार को आरोपी को जेल भेजा जाएगा।
इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा, राजनीतिक जमावड़ा
महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में कर्तव्यहीनता के आरोप में तत्कालीन इंस्पेक्टर राघवेंद्र प्रताप सिंह खिलाफ धारा 166 ए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। निर्भया कांड के बाद इस धारा के तहत दो साल की सजा का प्रावधान है। गुरुवार को पीड़िता के घर राजनीतिक दलों का जमावड़ा लगा रहा। राष्ट्रीय और राज्य महिला आयोगों की सदस्याओं ने भी मिलकर न्याय का भरोसा दिलाया। इस बीच, एसटीएफ की टीम ने भी पहुंचकर जांच-पड़ताल शुरू कर दी थी।