इटानगर (एजेंसी)। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्र ने कहा कि यदि देश में मजबूत नेतृत्व होता तो भारत को 1962 के युद्ध में चीन से पराजय का सामना नहीं करना पड़ता। राज्य के चांगलांग जिले में राजपूत रेजीमेंट की 14वीं बटालियन के आपरेशनल बेस पर सैनिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, अब क्षेत्र के समीकरण बदल गए हैं। भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली सशस्त्र बलों में से एक है। हालांकि, देश को कभी भी अपनी सुरक्षा कम नहीं करनी चाहिए। जवानों को सीमाओं पर किसी भी तरह की घटना के लिए तैयार रहना चाहिए। कंपनी कमांडर के रूप में रेजिमेंट के साथ 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लेने वाले गवर्नर ने बटालियन और उसके सैनिकों की दक्षता की भी सराहना की।
सुरक्षा बलों के प्रति सरकार के रवैये में बड़ा बदलाव आया
मिश्र ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सेना के जवानों के कल्याण के लिए काम कर रही है। सुरक्षा बलों के प्रति सरकार के रवैये में बड़ा बदलाव आया है। अब शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व सुरक्षा कर्मियों की भलाई को लेकर अत्यधिक चिंतित है। मिश्रा ने कहा कि लोकतांत्रिक देश के सशस्त्र बलों के सदस्य के तौर पर सैनिकों को असैन्य आबादी के साथ राष्ट्रवाद और सौहार्द कायम रखना चाहिए। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा ने सशस्त्र बलों के जवानों से नागरिकों के साथ सौहार्द बनाए रखते हुए राष्ट्रवाद को कायम रखने का आह्वान किया।