कोरोना संकट में एक और खबर ये है कि मुंबई के सीकेपी कोआपरेटिव बैंक का लाइसेंस आरबीआई ने कैंसिल (cancil )कर दिया है। उसका कहना है कि बैंक जमाकर्ताओं का पैसा चुकाने की हालत में नहीं है। लेकिन लिक्विडेशन एक्ट ( liqudation act)के तहत हर जमाकर्ता को कम से कम पांच लाख रुपए वापस मिलेंगे।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति टिकाऊ नहीं है और बैंक ( bank)अपने जमाकर्ताओं को पैसे चुकाने की स्थिति में नहीं है। आरबीए ने बैंक का लाइसेंस रद करते हुए कहा कि यह पूंजी संबंधी न्यूनतम अनिवार्यता को पूरा करने में विफल रहा। लाइसेंस रद किए जाने संबंधी आरबीआइ ( rbi) का फैसला कल के कामकाजी घंटों के बाद से प्रभावी हो गया है।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि लाइसेंस रद होने के बाद ही लिक्वेडेशन की कार्रवाई शुरू हो गई है। इसके बाद जमाकर्ताओं के पैसे लौटाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। केंद्रीय बैंक ने कहा है, ‘लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद कोआपरेटिंव बैंक बैंकिंग से जुड़ा किसी तरह का बिजनेस नहीं कर सकता है। लाइसेंस रद् होने के बाद बैंक जमा राशि को स्वीकार नहीं कर सकता है और न ही किसी को जमा राशि का भुगतान कर सकता है।’ आरबीआई ने कहा है कि लिक्विडेशन की कार्यवाही के तहत हर जमाकर्ता को पांच लाख रुपये तक की जमा राशि वापस की जाएगी। नियमत: बैंकों के डूबने पर जमाकर्ताओं को पांच लाख रुपये तक की जमा राशि वापस दिए जाने का प्रावधान है।

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