पूर्व भारतीय कप्तान और कोच अनिल कुंबले ने खतरनाक कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई की तुलना दिलचस्प टेस्ट मैच की ‘दूसरी पारी’ से की है, जिसमें लोग थोड़ी भी ढिलाई नहीं बरत सकते। कोरोना वायरस महामारी से अभी तक दुनिया भर में 2,76,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 40 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं।

इस महामारी के चलते पूरी दुनिया में खेल प्रतियोगिताएं रद्द या स्थगित हो चुकी हैं, जिसमें टोक्यो ओलंपिक, यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप और IPL शामिल है। कुंबले ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा, ‘अगर हमें इस कोरोना वायरस महामारी से लड़ना है तो हमें एकजुट होना होगा। यह एक टेस्ट मैच की तरह है। क्रिकेट टेस्ट मैच पांच दिनी होते हैं लेकिन यह लंबे समय तक चल रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट टेस्ट मैच प्रत्येक टीम के लिए दो-दो पारियों के होते हैं लेकिन यह इससे भी ज्यादा का हो सकता है। इसलिए आत्ममुग्ध मत बनिए कि हमने पहली पारी में थोड़ी बढ़त ले ली क्योंकि दूसरी पारी और भी मुश्किल हो सकती है। हमें इस लड़ाई को जीतना होगा, यह पहली पारी की बढ़त के आधार पर नहीं जीती जा सकती, हमें इसे पटखनी देकर जीतना होगा।’

इस पूर्व लेग स्पिनर ने साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य का धन्यवाद किया जो काम पर जा रहे हैं, जिससे लोग घर पर रहकर सुरक्षित रह सकें। कुंबले की गिनती भारतीय क्रिकेट इतिहास के एक बहादुर खिलाड़ी के तौर पर की जाती है। 2002 के वेस्टइंडीज दौरे के दौरान एंटिगा टेस्ट में कुंबले का जबड़ा टूट गया था, लेकिन बावजूद इसके वह मुंह पर पट्टा बांधकर न केवल बल्लेबाजी के लिए उतरे बल्कि गेंदबाजी भी की थी।

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