1945, 46, 47,48 में भारत के हिन्दू ‘नेता’ सत्ता तक कैसे पहुंचें… प्रधानमंत्री पद किसे मिलेगा …”आज की रात किस महिला के साथ कहाँ व्यतीत करूँ”.. “मेरी जाति को भारत मे कितने अधिकार मिलेंगे?” और आपसी सिर फुटब्बल में लगे हुए थे !…
दूसरी तरफ मुस्लिम लीग के लोग…और अंग्रेज… सिर से सिर जोड़कर कूटनीतिक और सामरिक रूप से भारत के कौन कौन से हिस्से भारत से तोड़कर पाकिस्तान में मिलाने हैं… इसकी बड़े जतन से कवायद कर रहे थे!
मुस्लिम लीग के तरकश में रक्तपात और अंग्रेजों से कूटनीतिक दोस्ती जैसे तीर थे! बहुत से मूर्ख हिन्दू नेता अंग्रेजों को अपना दोस्त माने हुए थे !…
दरअसल लार्ड माउंटवेटन और उनकी ऊंचे कद की अय्याश बीबी को इंग्लैंड ने भारत के हिन्दू नेताओं के दोस्त के रूप प्रतिस्थापित किया था !…
नतीजा क्या हुआ ?…
हिन्दू बाहुल्य दर्जनों क्षेत्र…. पाकिस्तान को तश्तरी में रखकर पेश कर दिए गए!
गिलगित-बाल्टिस्तान की कहानी भी इससे मिलती जुलती है !
गिलगित-बाल्टिस्तान अविभाजित कश्मीर का सबसे खूबसूरत हिस्सा है… यह वह हुंजा घाटी है, जहां की महिलाएं विश्व में सबसे सुंदर होती हैं !…जहां कोई बीमार नहीं पड़ता है, औसत आयु की दर खूब ऊंची है ! नदियों में अमृत बहता है ! फलों और मेवों की 12 महीने यहाँ बाहर रहती है !
असली जन्नत ,स्वर्ग और बाहिश्त अगर है तो गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र है ! विश्व की तीन महान पर्वत श्रृंखलाएं… हिमालय,कराकोरम और हिंदुकुश से जुड़ा क्षेत्र है,यह !.. पूरे विश्व की छत है यह क्षेत्र ! पाक,भारत,पूर्व USSR के अनेक देश और चीन पर यहां बैठ कर निगाह रखी जा सकती है!
1947 में गिलगित बाल्टिस्तान में कश्मीर के राजा हरि सिंह ने जुझार सिंह नामक ब्रिगेडियर को अपना गवर्नर नियुक्त किया हुआ था ! अंग्रेजों ने 1947 के प्रारम्भ में ही गिलगित क्षेत्र की सुरक्षा और गवर्नर की मदद के नाम पर एक सैनिक टुकड़ी और दो ब्रिटिश अधिकारी नियुक्त किये हुए थे !… वस्तुतः जिन्ना को मालूम था कि देरसवेर राजा हरिसिंह कश्मीर को भारत को हस्तगत करेंगे तो अंग्रेजों के साथ मिलकर गिलगित बाल्टिस्तान को छीनने का षड्यंत्र तभी बन चुका था…. जब नेहरू के नेतृत्व में हिन्दू नेता ‘कथित आज़ादी’ का जश्न मना रहे थे !
अक्टूबर 1947 में पाक ने पाकी सेना और स्थानीय कबीलों के साथ 1000 ट्रकों,जीपों और अत्याधुनिक हथियारों के साथ कश्मीर के अधिसंख्य हिस्से को हथिया लिया ! जम्मू कश्मीर में से जम्मू क्षेत्र निकाल दें तो 75% कश्मीर पर पाक-चीन का कब्ज़ा है ! गिलगित बाल्टिस्तान में राजा हरिसिंह के गवर्नर जुझार सिंह को ब्रिटिश टुकड़ी ने अरेस्ट कर जेल में डाल दिया और गिलगित बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान का झंडा फहरा दिया गया !… अंग्रेजों और पाक सरकार ने पाक फौज के अफसर असलम खान को गिलगित बाल्टिस्तान का रेजिडेंट नियुक्त कर दिया ! विश्व का स्वर्ग चुपचाप पाकिस्तान के कब्जे में आ गया ! ऑपरेशन समाप्त कर कुछ दिनों बाद अंग्रेज टुकड़ी भी लंदन वापस लौट गई ! लंदन में दोनो ब्रिटिश अफसरों को रानी ने अवार्ड दिया…
इधर दिल्ली में एक माह तक सिवाय लार्ड माउंटवेटन, जो इस षड्यंत्र का जन्मदाता था,के अलावा देश के PM तक को नहीं पता था कि गिलगित में पाकिस्तान पूर्ण रूप से काबिज़ हो चुका है ! देश का दुर्भाग्य देखिए… कश्मीर पर पाकी एक्शन शुरू होते ही नेहरू जो खुद छुट्टी मना रहे थे… घबरा गए और गवर्नर जनरल लार्ड माउंटवेटन जो वायसराय हाउस शिमला में था, से कश्मीर संकट को निपटाने की अपील की… जिसका परिणाम यह हुआ कि हजारों बलिदानों के बाद घाटी के क्षेत्र वापस लेती भारतीय सेना को एकतरफा युद्धविराम करके… भागती पाकी सेना को जीवन दान दे दिया गया… 75 % कश्मीर (जम्मू क्षेत्र नहीं) पाकिस्तान के पास रह गया… जम्मू क्षेत्र का भी मीरपुर जिला 30 हज़ार हिंदुओ की लाशों के कब्रिस्तान के साथ पाकिस्तान के पास ही रह गया ! नेहरू .. कश्मीर मामला UNO ले गए… देश आज तक यह दंड भोग रहा है…. लाखों सुरक्षाबल और नागरिक मारे जा चुके हैं ! कश्मीर आज निज़ामे मुस्तफा और इस्लामी बिरादरी की नाक का बाल बन चुका है ! सिर्फ कश्मीर के कारण भारत हज़ारों आतंकी हमले झेलता रहा है ! अधिकांश भारतीय मोमिन भी कश्मीरी अलगाववाद को जायज़ मानते हैं !
अब… जब गिलगित बाल्टिस्तान में पाक सरकार चुनाव कराने जा रही है तब भारत ने 73 साल में पहली बार गिलगित बाल्टिस्तान को लिखित रूप में पाकिस्तान से वापस मांगा है !… 1971 में मौका था कि पूरा कश्मीर… गिलगित… बाल्टिस्तान वापस लिया जा सकता था ! मगर मैडम गांधी पूर्वी पाकिस्तान को पाक से अलग करके ख़ुशी मनाने में व्यस्त हो गईं… हम लड़ाई जीत गए थे… वार्ताओं और कूटनीति के मेज़ पर असली जंग हार गए थे…