नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।केरल सरकार ने याचिका में कानून को भेदभाव वाला और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है। केरल सरकार ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सूट दाखिल किया है।
गौरतलब है कि केरल विधानसभा में कानून के खिलाफ पहले ही प्रस्ताव पास हो चुका है। इससे पहले भी नागरिकता कानून को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
संविधान का अनुच्छेद 131 भारत सरकार और किसी भी राज्य के बीच किसी भी विवाद में सर्वोच्च न्यायालय को मूल अधिकार क्षेत्र देता है। अगर दोनों के बीच कोई कानून का सवाल या फिर कानून पर सीमा या अधिकार का मसला हो।
केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नागरिकता संसोधन कानून को रद करने की मांग की। केरल सरकार ने कहा कि ये कानून अनुच्छेद 14,21 और 25 का उल्लंघन करता है। सीएए के खिलाफ पहली बार किसी राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।
वैसे सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि वह नागरिकता कानून मे संशोधन और धारा 370 हटाए के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई बाद मे करेगा। पहले सबरीमाला के साथ ही अन्य पंथ में महिलाओं के अधिकार को लेकर सुनवाई को वरीयता देगा।
नागरिकता कानून के खिलाफ अनेक याचिकाएं पहले से ही दायर हैं । केरल की याचिका भी इसमे शामिल हो जाएगी।