श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिला अंतर्गत पड़ने वाले केलम का राजकीय डिग्री कालेज अब शहीद इंस्पेक्टर मोहम्मद अल्ताफ डार डिग्री कालेज के नाम से जाना जाएगा। प्रदेश सरकार ने शनिवार को औपचारिक रूप से डिग्री कालेज का नामकरण शहीद इंस्पेक्टर के नाम पर कर दिया है। प्रदेश सरकार ने बीते सप्ताह ही पूरे प्रदेश में 76 शिक्षण संस्थानों का नामकरण शहीद पुलिसकर्मियों के नाम पर करने का फैसला लिया था।
केलम के डिग्री कालेज में आयोजित एक सादा किंतु भावपूर्ण समारोह मेें शहीद इंस्पेक्टर के नाम पर कालेज का नामकरण की औपचारिकताओं को पूरा किया गया। समारोह में जिला प्रशासन, उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलावा शहीद इंस्पेक्टर के परिजन भी शामिल हुए। शहीद इंस्पेक्टर अल्ताफ अहमद डार को अल्ताफ लैपटाप के नाम से भी जाना जाता था। वह जम्मू कश्मीर पुलिस की एसआइटी की रीढ़ माने जाते थे। उन्होंने श्रीनगर में दो हाई प्रोफाइल हत्याओं की गुत्थी सुलझाने के अलावा कई नामी आतंकी कमांडरों को पकड़वाने और कई खूूंखार आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। वर्ष 2003 से 2015 तक वादी में करीब 200 आतंकियों की मौत में अल्ताफ अहमद डार उर्फ अल्ताफ लैपटाप व उनकी टीम का योगदान रहा है।
कांस्टेबल से इंस्पेक्टर बने थे मोहम्मद अल्ताफ डार
अल्ताफ अहमद डार पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे। अपनी योग्यता, कर्तव्यनिष्ठा और बहादुरी के कारण वह इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नत हुए थे। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक समेत कई अन्य सम्मान भी प्रदान किए हैं।
लैपटाप और 24 घंटे ड्यूटी वाला पुलिसकर्मी के नाम से पुकारे जाने वाले अल्ताफ अहमद सात अक्टूबर, 2015 को बांडीपोरा में उस समय शहीद हुए थे, जब लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकी अबु कासिम ने एक टाटा मोबाइल वाहन में बैठे मजदूरों की आड़ लेकर उन पर अचानक हमला किया था। उस समय अल्ताफ अहमद वहां अबु कासिम को पकड़ने के लिए एक मुखबिर की सूचना के आधार पर नाका लगा रहे थे। अबु कासिम ने वर्ष 2010 से लेकर 2015 अक्टूबर तक करीब आठ बड़े आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया था। अबु कासिम द्वारा अचानक किए गए हमले में घायल अल्ताफ अहमद को अस्पताल ले जाया गया था, जहां वह शहीद हो गए थे
अल्ताफ अहमद डार की शहादत से पूरा पुलिस विभाग सन्न रह गया था। अल्ताफ की शहादत के चंद ही दिनों बाद पुलिस ने अबु कासिम को कुलगाम में एक मुठभेड़ में मार गिराया था। अबु कासिम ने ही उधमपुर में बीएसएफ काफिले पर हमले की साजिश को रचा था।