वाराणसी। कोरोना की दूसरी लहर में उखड़ती सांसों को थामने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर्स को लेकर चीख पुकार मची है। काशी कोरोना की मार से कराह रहा है। अस्पतालों में व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। सारे दावे ध्वस्त हो चुके हैं। सिस्टम से लोगों का भरोसा उठने लगा है। कहीं ऑक्सीजन ना मिलने से एक ही अस्पताल में दर्जनों मरीजों की मौत हो गई। तो कहीं लकड़ियों तक के लिए मारा मारी है।
काशी में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है और लोगों की जान जा रही है। जहां देखो दहशत का माहौल व्याप्त है। कई जगह तो कोरोना संक्रमितों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। काशी में कोरोना का भयावह रूप देखने को मिल रहा है। काशी में कोरोना मरीजों के परिजन दर-दर भटक रहे हैं। किसी को ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है तो कोई अपने मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं करवा पा रहा है। ऐसे में सवाल व्यवस्था पर खड़े हो रहे हैं और जिन्हें जवाब देना चाहिए वो चुप हैं।
सुध लेने वाला कोई नहीं
वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में बना कोविड कमांड सेंटर देखने में भव्य और आलीशान नजर आता है। इसके गेट पर टोल फ्री नंबर भी दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि आप अगर किसी प्रकार की दिक्कत में हैं तो इन नंबरों पर फोन करें लेकिन ना तो नंबर मिलते हैं और ना ही उठते हैं। परेशान हाल जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं है। लोग दर-दर भटकने को मजबूर हैं। काशी में भी ऑक्सीजन की कमी है। जनता ऑक्सीजन की डिमांड को लेकर त्राहि-त्राहि कर रही है। ऐसे हालातों में जनप्रतिनिधि भूमिगत हैं और लोगों से ऑनलाइन संपर्क में होने की बात कह रहे हैं। लेकिन, होते कब हैं ये पता नहीं।
सबकुछ फेल नजर आ रहा है
अब आंकड़ों को भी जान लीजिए। वाराणसी में कोविड के 45 अस्पताल हैं जहां से सात हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड है। सप्लाई मात्र साढ़े चार हजार हो रही है। आक्सीजन के 6 प्लांट हैं। अगर बात करें तो नॉन कोविड अस्पताल और घरेलू उपचार करने वालों की तो ऑक्सीजन की डिमांड अलग से बढ़ जाती है। लिहाजा, सबकुछ फेल नजर आ रहा है और कांग्रेस भी अब हमलावर हो रही है।
वक्त जनता की समस्याओं का हल निकालने का है
कांग्रेस नेता अजय राय का कहना है कि रिपोर्ट देखने वाले दावे से ऊपर उठें और जनता के बीच पहुंचे। चाहे वो जनप्रतिनिधि हों या अधिकारी। ये वक्त जनता की समस्याओं का हल निकालने का है। उम्मीद है कि हल जरूर निकलेगा।