हालांकि भाजपा कह रही है कि उसका इरादा सरकार गिराने का नहीं है। लेकिन यह मानना होगा कि आपरेशन लोटस को लेकर मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल जारी है। कमलनाथ सरकार को समर्थन करने वाले करीब 10 विधायकों ने बीजेपी खेमे में खड़े होकर ऐसा तेवर दिखाया, जिससे कांग्रेस के पसीने छूट गए। एमपी में बीजेपी के ऑपरेशन लोटस के जरिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के मजबूत दुर्ग चंबल इलाके में सेंध लगाने की कवायद की गई है। जिसकी सिंधिया को हवा तक नहीं लग सकी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही खुलकर न बोलते हों, लेकिन मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री न बन पाने के बाद से ही उनके समर्थकों के बीच इसकी कसक साफ तौर पर देखी जा सकती है। सिंधिया ने हाल ही में जिस तरह से तेवर अख्तियार किया है, उससे कमलनाथ सरकार की बेचैनी बढ़ गई थी। राज्यसभा चुनाव से ऐन पहले जिस तरह से सिंधिया के इलाके के और समर्थक विधायकों ने बागी तेवर अख्तियार किया है, उसने कांग्रेस को बेचैन कर दिया है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 114 विधायकों में से करीब 35 से ज्यादा विधायक पार्टी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक बताए जाते हैं। मध्य प्रदेश के चंबल संभाग को सिंधिया का मजबूत किला माना जाता है। बीजेपी ने सिंधिया के इसी इलाके में ऑपरेशन लोटस को अमलीजामा पहनाने की कोशिश की है, जिसका नतीजा है कि बगावती तेवर अख्तियार करने वाले ज्यादातर विधायक चंबल-ग्वालियर संभाग से हैं, जिन्होंने कमलनाथ सरकार की नींद उड़ाकर रखा दिया है।

भिंड से बसपा विधायक संजीव कुशवाह, सुमावली से कांग्रेस विधायक ऐंदल सिंह कंसाना, मुरैना से कांग्रेस विधायक रघुराज कंसाना, दिमनी से कांग्रेस विधायक गिर्राज दंडोतिया विधायक और गोहद से कांग्रेस विधायक रणवीर जाटव और बिजावर से सपा विधायक राजेश शुक्ला चंबल-ग्वालियर संभाग वाले इलाके से आते हैं।बुरहानपुर सीट से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ऐसे हैं, जो सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठा चुके हैं और फिलहाल बीजेपी के साथ खड़े हैं. इसके अलावा पथरिया से बसपा की रमाबाई और अनूपपुर सीट से कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह भी बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं।

कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह मोर्चा संभाले हुए हैं। कांग्रेस छह विधायकों को वापस लाने में कामयाब रही, लेकिन चार विधायक अभी भी बीजेपी के कब्जे में हैं। कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, रघुराज सिंह कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा अभी भी पार्टी की पकड़ से दूर बीजेपी के कब्जे में हैं। ये चारो विधायक चंबल इलाके से आते हैं, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरे सीन से गायब नजर आ रहे हैं और पूरी तरह से खामोशी अख्तियार कर रखा है।

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