नई दिल्ली । कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर राजनीति तेज हो गई है। बयानबाजी के केंद्र में रहीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जिन्होंने बुधवार सुबह हिजाब पहनने के पक्ष में ट्वीट किया और फिर प्रेस कांफ्रेंस में इसी मुद्दे पर एक पत्रकार से उनकी बहस हो गई।
प्रियंका ने ट्वीट में लिखा, ‘बिकनी, घूंघट, जींस या हिजाब, यह एक महिला का अधिकार है कि वह तय करे कि क्या पहनना है।’ इसके बाद कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करने के मौके पर हुई प्रेसवार्ता में प्रियंका से सवाल हुआ ‘आप कह रही हैं कि चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाना चाहिए लेकिन आपने बुधवार सुबह जो ट्वीट किया उससे विकास की धारा कहीं और मुड़ गई है।’ इस पर प्रियंका ने पूछा कि क्या मैंने हिजाब पर बहस छेड़ी? एक महिला को अधिकार है कि वह बिकनी पहनना चाहे या हिजाब पहनना चाहे या घूंघट काढ़े या साड़ी पहने या जींस। इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है।’ उनसे फिर सवाल हुआ कि स्कूल में बिकनी कहां से आ गई? जवाब में प्रियंका ने कहा कि आप गोलमोल करके कुछ भी कह सकते हैं। किसी को अधिकार नहीं है कि वह एक महिला से यह कहे कि वह क्या पहने। फिर उन्होंने सवाल पूछने वाले मीडियाकर्मी से तैश में कहा कि मैं आपसे कह रही हूं कि स्कार्फ उतारो। मीडियाकर्मी ने जवाब दिया कि मैं स्कूल में नहीं, प्रेस कान्फ्रेंस में हूं। इस पर प्रियंका ने कहा कि आप जहां भी हों, क्या मुझे आपसे यह कहने का अधिकार है? मुझे यह अधिकार नहीं है।
प्रियंका के बयान पर उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि वह हिजाब का समर्थन कर महिलाओं की स्वतंत्रता छीनने की बात कर रही हैं। वहीं, कर्नाटक के भाजपा विधायक एमपी रेनुकाचार्य ने कहा कि महिलाओं द्वारा पहनी गई कुछ पोशाकों के कारण दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि बाद में उन्होंने महिलाओं से माफी मांगने की बात भी कही।