नई दिल्ली, 20 जून 2024: भारत के सबसे बड़े स्टेनलेस स्टील निर्माता जिंदल स्टेनलेस ने हाल ही में 100 ‘मेड इन इंडिया’ माल डिब्बे बनाने के लिए स्टेनलेस स्टील की आपूर्ति की, जिसे मोजाम्बिक को निर्यात किया जा रहा है। ये डिब्बे, भारतीय रेलवे के माल ढुलाई स्टॉक के लिए जिंदल स्टेनलेस द्वारा विशेष रूप से विकसित ग्रेड IRSM 44 स्टेनलेस स्टील से बने हैं। इन्हे गुजरात के दीनदयाल बंदरगाह से दक्षिण अफ्रीका के मोज़ाम्बिक के नाकाला बंदरगाह पर भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की सहायता से निर्यात किया गया था। मंत्रालय ने इसे भारत की निर्यात क्षमताओं में सुधार और विनिर्माण और रसद में बढ़ते कौशल की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

63 मेट्रिक टन के पेलोड के साथ कस्टम-निर्मित टिपलर-शैली के इस माल डिब्बे की अवधारणा और डिजाइन भारत में एक प्रमुख माल गाड़ी निर्माता जिंदल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (JRIL) द्वारा किया गया था। JRIL के पास भारतीय रेलवे, निजी क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों को बेहतर गुणवत्ता वाले माल डिब्बों की आपूर्ति करने और डिब्बों के नए डिजाइन विकसित करने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है। JRIL ने इन वैगनों को डिजाइन और विकसित किया है जो मौजूदा वैगनों से वजन में हल्के हैं। जिंदल स्टेनलेस द्वारा विशेष रूप से विकसित लगभग 4.3 टन स्टेनलेस स्टील का उपयोग प्रत्येक डिब्बे के फर्श, साइड और एंड दीवारों को बनाने के लिए किया गया है। कार्बन स्टील पर स्टेनलेस स्टील का चयन इसके बेहतर संक्षारण प्रतिरोध और निष्क्रिय गुणों के कारण बेहतर स्थायित्व और दीर्घायु सुनिश्चित करता है, जिससे कम जीवन चक्र लागत और कम जीवन चक्र कार्बन उत्सर्जन होता है। वैगन अन्य चीजों के अलावा कोयला और लौह अयस्क के परिवहन में मदद करेंगे। कुल 100 वैगनों में से 24 मोज़ाम्बिक पहुंच चुके हैं, 26 अभी बंदरगाह पर हैं और शेष 50 को बंदरगाह पर ले जाया जा रहा है।

इस ऐतिहासिक विकास पर टिप्पणी करते हुए, जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा, “हमें ‘मेड इन इंडिया’ कहानी का हिस्सा बनने पर गर्व है क्योंकि यह हमारे देश की निर्यात क्षमताओं और वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इन स्वदेशी रूप से निर्मित स्टेनलेस स्टील फ्रेट वैगनों के माध्यम से, हम न केवल परिवहन दक्षता बढ़ा रहे हैं, बल्कि उन्नत विनिर्माण में भारत की क्षमता को भी प्रदर्शित कर रहे हैं। यह भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित करेगा क्योंकि हम इस तरह की कई और उपलब्धियों की उम्मीद करते हैं।”

जिंदल स्टेनलेस ने प्रतिष्ठित सरकारी रेलवे परियोजनाओं को लगातार स्टेनलेस स्टील की आपूर्ति की है और भारत की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन, कोलकाता में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो लाइन और रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की पहली ट्रेन सेट सहित कई प्रथम परियोजनाओं में योगदान दिया है।

जिंदल स्टेनलेस के बारे में:
भारत के अग्रणी स्टेनलेस स्टील निर्माता, जिंदल स्टेनलेस का वित्त वर्ष 2024 में वार्षिक कारोबार 38,562 करोड़ रुपये (4.7 अरब अमेरिकी डॉलर) रहा है, और इसकी मेल्ट क्षमता 4.2 मिलियन टन प्रतिवर्ष है। इसकी भारत, और विदेश में स्पेन व इंडोनेशिया समेत सात स्टेनलेस स्टील विनिर्माण और प्रसंस्करण सुविधाएं हैं, और 15 देशों में एक विश्वव्यापी नेटवर्क है। भारत में, दस बिक्री कार्यालय और छह सेवा केंद्र हैं। कंपनी के उत्पादों में स्टेनलेस स्टील स्लैब, ब्लूम, कॉइल, प्लेट, शीट, प्रिसिजन स्ट्रिप, ब्लेड स्टील और कॉइन ब्लैंक शामिल हैं।
एकीकृत संचालन से जिंदल स्टेनलेस को लागत प्रतिस्पर्धात्मकता और परिचालन दक्षता में बढ़त मिली है, जिससे यह दुनिया के शीर्ष स्टेनलेस स्टील निर्माताओं में शुमार हो गया है। 1970 में स्थापित, जिंदल स्टेनलेस नवाचार और जीवन को समृद्ध बनाने के दृष्टिकोण से प्रेरित है और सामाजिक जिम्मेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी उत्कृष्ट कार्यबल, मूल्य आधारित व्यवसाय संचालन, ग्राहकों पर केंद्रित सेवाएं और उद्योग के सर्वोत्तम सुरक्षा तौर-तरीकों का इस्तेमाल करती है।

जेएसएल पर्यावरणीय जिम्मेदारी से प्रेरित, हरित, स्थिर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ‘इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस’ में स्क्रैप का उपयोग करके स्टेनलेस स्टील का निर्माण करती है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होता है। यह गुणवत्ता में बिना कोई कमी किए 100% रिसाइक्लिंग करती है, जिससे चक्रीय अर्थव्यवस्था में मदद मिलती है। कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 2035 से पहले ही कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता को 50% तक कम करना और 2050 तक नेट ज़ीरो हासिल करना है।