राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट पेश नहीं किए जाने पर झारखंड हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है और रिम्स निदेशक को शो जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने कहा कि रिम्स से बार- बार मेडिकल रिपोर्ट मांगी जा रही है, लेकिन रिपोर्ट क्यों नहीं दी जा रही है, यह समझ से परे और गंभीर मामला है। रिम्स निदेशक को इसके लिए शो कॉज किया जाता है। अगली तिथि पर उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा।
अदालत ने लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने के लिए रिम्स प्रशासन को अंतिम मौका देते हुए 19 फरवरी तक का समय दिया। वहीं, लालू के जेल मैनूअल उल्लंघन के मामले पर कोर्ट को बताया गया कि एसओपी को सरकार की मंजूरी मिल गई है। उसी के अनुसार जेल के बाहर रहने वाले कैदियों को सुविधाएं दी जा रही हैं।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि लालू प्रसाद को बेहतर इलाज के लिए एम्स भेजा गया है। उनकी तबीयत में गिरावट आने के बाद मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के बाद ही उन्हें एम्स स्थानांतरित किया गया है। इस पर अदालत ने कहा कि उन्हें एम्स भेजने का निर्णय क्यों लिया गया, इसकी जानकारी मेडिकल रिपोर्ट से ही मिलेगी, लेकिन रिम्स मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश क्यों नहीं कर रहा है।
पिछली दो सुनवाई से कोर्ट मेडिकल रिपोर्ट मांग रहा है। पूर्व में भी रिम्स को लालू की मेडिकल रिपोर्ट नियमित तौर पर पेश करने का निर्देश दिया गया लेकिन निर्देश का पालन नहीं हुआ। यह गंभीर मामला है।
वहीं, लालू के जेल मैनुअल उल्लंघन के मामले की भी सुनवाई हुई। जेल से बाहर रहने वाले कैदियों के एसओपी के मामले की जानकारी सरकार की ओर से दी गई। बताया गया कि कोर्ट की ओर से मिले सुझाव के अनुसार एसओपी को संशोधित कर गृह विभाग के पास भेज दिया गया था। गृह विभाग ने इस एसओपी को औपबंधिक मंजूरी दे दी है। अब इसी एसओपी के अनुसार जेल में रहने वाले कैदियों को सुविधाएं दी जाएंगी।