विशेष संवाददाता
एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने आशंका
जतायी है कि 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो जाने के बाद जलियांवाला बाग़ में तब्दील हो सकता है शाहीन बाग़। नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले पचास दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों के संदर्भ में समाचार एजेंसी एएनआई के साथ टेलीफ़ोन वार्ता के दौरान की गयी इस टिप्पणी को बेहद आपत्तिजनक माना जा रहा है।
ओवैसी का कहना है कि उन्हें इस बात की पूरी आशंका है कि 8 फ़रवरी के बाद शाहीन बाग़ को प्रदर्शनकारियों से ख़ाली कराने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर बल प्रयोग का विकल्प अपना सकती है।एएनआई के अनुसार बातचीत के दौरान जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि सरकार की ओर से संकेत मिले हैं कि 8 फ़रवरी के बाद शाहीन बाग़ को साफ़ कर दिया जाएगा तो इसके जवाब में ओवैसी ने कहा, ” हो सकता है प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलायी जायें और शाहीन बाग़ को जलियांवाला बाग़ में तब्दील कर दिया जाये। ऐसा हो सकता है। अभी हाल में भाजपा के एक मंत्री ने गोली चलाने वाला बयान भी दिया था। सरकार को बताना चाहिए कि कट्टरता कौन फैला रहा है “
दरअसल ओवैसी 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में हुए उस जलियांवाला बाग़ नरसंहार का हवाला दे रहे थे जिसमें 50 ब्रिटिश सैनिकों ने निहत्थे भारतीयों पर अंधाधुंध फायरिंग कर हज़ारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।