कोरोना श्रद्धालुओं को बाबा से दूर कर गया.

विशेष संवाददाता

गोपेश्वर। उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित भगवान शिव के धाम केदारनाथ मंदिर के कपाट आज ग्रीष्मकाल के लिये खोल दिये गये। आज सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर पूरे विधि विधान से साथ पवित्र धाम के पट खोल गये। देश चे 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊचाई पर स्थित इस धाम में अब अगले छह महीने तक बाबा की पूजा-अर्चना यहीं होगी। कोरोना काल के चलते सोशल डिस्टैंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। कपाट खोले जाने के समय पुजारी को मिले पुलिस प्रशासन के लोगों को मिला कर कुल जमे सिर्फ 35 लोग ही मौजूद थे । इतिहास मे ऐसा पहली बार हो रहा है जब लॉक डाउन के चलते यहां हमेशा की तरह दर्शनार्थियों का जमघट नहीं था।

भोर में तीन बजे से केदार धाम के कपाट खोले जाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। बाबा के धाम को फूलों से सजाया गया था। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने कपाट खुलने की परम्परा का निर्वहन किया। जबकि उनके साथ देवस्थानम बोर्ड के प्रतिनिधि के तौर पर बीडी सिंह समेत पंचगाई से संबंधित 20 कर्मचारी कपाट खुलने पर यहां पहुंचे। इसके अलावा पुलिस और प्रशासन के करीब 15 लोग यहां मौजूद रहे।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिये और किसी तरह से भीड़ एकत्र न हो इसके लिए प्रशासन ने किसी को भी केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी है। इसलिए कपाट खुलने के मौके पर काफी कम संख्या में लोग थे। मंगलवार को जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया था कि कोरोना महामारी के चलते केदारनाथ के कपाट खुलने की परम्परा का सादगी से निर्वहन किया जाएगा, किसी भी दर्शनार्थी को केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी गई है।

डाक से भेजा जाएगा भक्तों को प्रसाद

देवस्थानम बोर्ड को केदारनाथ धाम के कपाटोद्घाटन के लिए कोरोना संक्रमण से पूर्व दस लाख की ऑनलाइन बुकिंग मिल चुकी थी। ये सभी बुकिंग महाभिषेक पूजा व रुद्राभिषेक पूजा की थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण श्रद्धालु धाम नहीं जा पाएंगे। बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि ऑनलाइन जितनी बुकिंग मिली है, उनकी पूजा कर प्रसाद डाक से भेजा जाएगा।

ऋषिकेश के सतीश ने सजाया है केदारनाथ मंदिर

केदारनाथ धाम के कपाट बुधवार को खुल गए हैं। धाम को सुंदर फूलों से सजाया गया है। इस काम को अंजाम दिया है तीर्थनगरी के सतीश कालड़ा ने।

सतीश ने बताया कि मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है। प्रतिवर्ष वह बदरीनाथ मंदिर को भी सजाने का कार्य करते हैं।

केदारनाथ मंदिर को सजाने का सौभाग्य उन्हें पहली बार मिला है। इधर, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि कोरोना की गंभीरता को देखते हुए सीमित संख्या में बोर्ड कर्मियों, हकूकधारी तीर्थ पुरोहितों एवं प्रशासन के लोगों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गई है।

15 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट

कपाट खुलने की तारीख को लेकर भी विवाद हुआ था और सरकार ने इसे आगे बढ़ाने को कहा था,लेकिन रावल और हकहकूकधारियोंकी एक बैठक में पहले से तय तारीख पर ही पट खोलने का फैसला लिया गया। वहीं, बद्रीनाथ के कपाट पहले 30 तारीख को खुलने थे, जिसे अब बदलकर 15 मई कर दिया गया है।

अक्षय तृतीया को खुले गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट

उल्लेखनीय है कि विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार को अक्षय तृतीया के मौके पर वैदिक मंत्रोच्चारण व पूजा-अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जा चुके है। गंगोत्री धाम के कपाट 12:35 व यमुनोत्री के कपाट ठीक दोपहर 12:41 पर खोले गए थे। दोनों धामों के कपाट खुलने के बाद आगामी छह माह तक श्रद्धालु धामों में मां गंगा व यमुना के दर्शनों के भागी बन सकेंगे। हालांकि लॉकडाउन के कारण कपाट खोलते वक्त यहाँ श्रद्धालुओं का टोटा ही रहा।

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