कायाकल्प घोटाला भाग-2

प्रोफेसर ओम शंकर

वाराणसी। कायलप भाग-1 में मैंने बताया था कि बीएचयू के अधिकारीगण आम जनता को मिलने वाली सुविधाओं का कायाकल्प करने के बदले खुद के भवनों तथा खुद का कायाकल्प किस प्रकार से कर रहे हैं?

आज मैं कायाकल्प भाग-2 में आपको फिर से बताने/दिखाने जा रहा हूँ कि कायाकल्प के नाम पर आए पैसों का दुरुपयोग यहां के अधिकारीगण खुद के लाभ के लिए अन्य किस-किस प्रकार से कर रहे हैं?

मरीजों के लिए स्टेचर, आवश्यक जाँच की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय का CT स्कैन, MRI मशीन, PET स्कैन लगवाने, जल्दी-जल्दी जांच की रिपोर्ट्स उपलब्ध करवाने के लिए ऑटोमेटिक जांच उपकरणों को खरीदने, तथा नया “वन स्टॉप” जाँच केंद्र के भवन का निर्माण करवाने, इनको 24 घंटे चलाने के लिए नए स्टाफों की बहाली, नए इमेरजेंसी भवन का निर्माण, बच्चों के लिए अलग से 100 बेड के इमेरजेंसी भवन का निर्माण, उनमें 24 घंटे फ्री आवश्यक इमेरजेंसी दवाएँ की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा विभिन्न विभागों में अन्य आवश्यक सुविधाएं बढ़ाने के बदले, उस धन का दुरुपयोग किस तरह अनावश्यक रूप से दीवारों को तोड़कर नए कंभे बनवाने और सुंदर फर्श के ऊपर नए फर्श बिछाने में कर रहे हैं?

इससे मरीजों को कोई लाभ तो कतई नहीं मिल सकता है, परंतु अधिकारियों को परोक्ष रूप से इसका आर्थिक लाभ जरूर मिल सकता है!

भीख से बने इस विश्वविद्यालय में इस तरह की खुली लूट, वो भी देश के सबसे ईमानदार प्रचारित प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र में किसी को यकीन नहीं होगा।

इसलिए मैं साक्ष्य के तौर पर नीचे फ़ोटो और वीडियो संलग्न कर रहा हूँ जिसमें आप सर सुंदर लाल अस्पताल के अधिकारियों द्वारा फर्श के ऊपर फर्श लगवाकर खुद के पॉकेट गर्म करने के गोरखधंधे को देख और समझ सकते हैं!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here