डाक्टर रजनीकांत दत्ता
पूर्व विधायक,शहर दक्षिणी
वाराणसी ( यूपी )
जेब कट गयी तब पता चला, जेबकतरा अपने ही शहर का था
जब जेब कट गई तो पता चला कि जेबकतरा अपने ही शहर का था । यह उस गिरोह का सदस्य था जो दूर बैठे अपने आका के आदेश पर कार्यरत था । अगर शायद हम इस भीड़भाड़ वाले स्थान पर गए नहीं होते और और अपरिचितों से फासला नहीं बनाया होता तो न तो जेब कटती और न ही पर्स में रखे गए रुपयों से हाथ धोना पड़ता । चीन एक शातिर धूर्त विश्वासघाती मक्कार देश है जो अपनी विस्तार वादी साम्राज्यवादी मानसिकता के तहत विश्व का सबसे ताकतवर मुल्क बनना चाहता है । अमेरिका की तरह रूस को भी समझ लेना चाहिए कि वह भी उसकी महत्वाकांक्षा के घेरे से बाहर नहीं है।
अपनी कोई मुहिम शुरू करने से पहले चीन उसका ब्लू प्रिंट तैयार करता है फिर होमवर्क । इस बार चीन ने अपने प्रतिस्पर्धी दुश्मन देशों को घुटनों पर लाने के लिए जिस गुप्त अचानक मुहिम की बात सोची वह था उनका ध्यान दूसरी तरफ भटका कर, जैसे साउथ चाइना सी और एटॉमिक थर्ड वर्ल्ड वॉर,पर ध्यान बटा कर अपने प्रतिस्पर्धी देशो पर अप्रत्याशित बायोलॉजिकल यानी जैविक हमला करना।
पूर्व अनुभवों के अनुसार चीन यह जानता था कि मनुष्य प्रजाति को छोड़कर अगर किसी अन्य प्रजाति, जैसे मच्छर मक्खियां और पिस्सुओं के द्वारा संक्रमित कर महामारी फैलाई गई तो उन देशों ने इन मच्छर मक्खी पिस्सुओं का समूल विनाश ही नहीं किया जयगा बल्कि उनके परिजनन को भी समाप्त कर दिया जयगा।इस तरह से महामारी विश्वव्यापी न होकर कुछ ही देशों को प्रभावित कर सकेगी। जहां मनुष्य के द्वारा यह संक्रमण फैला जैसे स्मॉल पॉक्स आदि तो देखते ही पता लग गया कि यह मनुष्य इन इनफेक्शियस डिजीज से प्रभावित है इसलिए इस बीमारी को महामारी का रूप लेने में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं थी। फिर यह एक ही प्रकार के वायरस के जीनोम से संक्रमित रोग था इसलिए उसके बचाव का टीका खोजना भी कठिन कार्य नहीं था।
इस ऑब्जरवेशन से प्रभावित होकर चीन स्थित वुहान की वायरोलॉजी इंस्टिट्यूट में एक ऐसा वायरस तैयार किया गया जिसमें जीनोम बदलने की क्षमता के साथ संक्रमित बदलने की भी क्षमता थी।अतः उसकी विभिन्न प्रजातियों के संक्रमण को रोकने वाली किसी वैक्सीन को तैयार करना एक कठिनाई भरा दुर्लभ साध्य प्रयास होगा।
इस वायरस का कैरियर या वेक्टर मनुष्य है और संक्रमण काल में स्मॉल पॉक्स की तरह कोई भी ऐसा लक्षण दिखाई नहीं देता कि यह व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है अगर कोई लक्षण दिखाई भी देता है तो वह सीजनल या साधारण वायरल इंफेक्शन का। इसका संक्रमण इतना आसान है कि अगर 2 गज के घेरे के बीच में कोई व्यक्ति बिना मास्क लगाए इस करियर के समीप उपस्थित है तो जब कैरेयर खासता या छीखता है, तो सांस लेना जो सामान प्रक्रिया है उसके तहत मुंह या नाक से या वायरस उस व्यक्ति को संक्रमित कर देता है और इसी तरह यह व्यक्ति अपने परिवार को संक्रमित करता है।लेकिन जिन जिन व्यक्तियों के संपर्क में आता है उन्हें भी संक्रमित कर देता है और इस महामारी के आगोश में शनै: शनै: वह पूरा देश आ जाता है जिस देश का वह वासी है।
अब इस मुहिम का सेकंड फेस आता है। इस टारगेट कंट्री को कैसे संक्रमित किया जाए। सभी जानते हैं कि अविकसित विकासशील और विकसित देशों में माओवादी एवं वामपंथी विचारधारा के हजारों लोग हैं जो अक्सर चीन जाते हैं। उनसे चीन ने इन देशों में संक्रमण फैलाया और उन देशों में राजनीतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं को माध्यम बनाया।उदाहरण के तौर पर भारतवर्ष को ही ले लीजिए सोनिया कांग्रेस और उसकी कोटरी राहुल गांधी,प्रियंका वाड्रा,दिग्विजय सिंह,सलमान खुर्शीद, कमलनाथ, चिदंबरम ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस, केजरीवाल और आम आदमी पार्टी, ओवैसी आदि आदि को संगठित कर,मुसलमान, जो आज भी एक एथिनिक रेस होने के कारण अधिकांश नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ है। आग में घी डालने का काम तीन तलाक, हलाला,राम मंदिर कोर्ट डिसीजन,370-35(a) को हटाया जाना और फिर उपरोक्त राजनीतिक दलों द्वारा CAA और NRC के बारे में भ्रामक प्रचार करने का हिंदुस्तान को संप्रदायिक दंगों में झोंकने और देश में ही देशद्रोही माहौल बनाने की जमीन तैयार की।
कोरोना वायरस संक्रमण के केंद्र के रूप में राजधानी दिल्ली को चुना गया । वहां केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की बहुमत की सरकार है।वहां ख्वाजा निजामुद्दीन जैसी प्रसिद्ध दरगाह के समीप स्थित तबलीगी जमात के मौलाना साद को, जिनके करोड़ों फॉलोवर्स हिंदुस्तान और विश्व भर में है, उन्हें दिसंबर 2019 को उपरोक्त लोगों ने भारत में करोना फैलाने की सुपारी दे दी और इन्हें हर प्रांत के जिले, कस्बे, शहर मोहल्ले की मस्जिदों और मदरसों का ही संरक्षण प्राप्त नहीं हुआ बल्कि इस्लाम के अन्य धर्मगुरुओं ने भी शुरू में हर तरह से संरक्षण दिया।
भाई नरेंद्र मोदी के लॉक डाउन और सोशल डिसटेन्सिन्ग के प्रयासों के कारण कोरोना को जिस प्रकार की महामारी का रूप लेना चाहिए था वह भारत में ले नहीं सका। लेकिन जरूरत से ज्यादा उसने व्यवस्था को हर क्षेत्र में डैमेज किया। मोदी जी के नेतृत्व में हमें करोना पर विजय प्राप्त हो भी जाए तो चाइना के ये स्लीपर सेल्स एजेंट देश को फिर से संक्रमित करेंगे। लिहाजा इन्हें चयनित कर एनएसए के तहत नजरबंद कर दिया जाए । देश की सीमाओं को आने वाले खतरों के मद्देनजर रखते हुए सील कर दिया जाए और हर मुहिम को जो देश की एकता अखंडता एवं स्वस्थ और समृद्ध भारत के खिलाफ है उसे क्रूरता पूर्वक दबाते हुए समाप्त कर दिया जाए। चाहे इसके लिए कुछ समय तक डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत सीमित प्रोविजनल पॉलिसी आपातकाल ही क्यों न लगाना पड़े।
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलसिताँ हमारा,
ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा,
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा।
वंदेमातरम।
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