कोरोनावायरस से लॉकडाउन ( lock down ) झेल रही दुनिया के लिए हालाकि वर्क फ्राम होम कोई नयी कार्य शैली नहीं है। यूरोप और पश्चिमी देश ही नहीं वैश्वीकरण के बाद भारत में भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों मेंघरों से काम करने की पद्धति शुरू हो चुकी है। लेकिन इस लाकडाउन ने इस कार्य शैली को महानगरों से निकाल कर छोटे शहरो में भी खासा लोकप्रिय बना दिया है। लोग इन दिनों घर से काम का रहे हैं। इस शैली स्टाइल ( style ) को लोग अपना भी रहे हैं। नियोक्ताओं ( employers) को खर्च भी कम होता दिख रहा है।

दुनियाभर में कंपनियों की कार्यशैली में उम्मीद से ज्यादा बदलाव नजर आ रहा है। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजन जैसी कंपनियां ‘वर्क फ्रॉम होम’ को पहले भी तरजीह देती रही हैं। गार्टनर के ताजा सर्वे ( servey)के मुताबिक 74% सीएफओ मानते हैं कि बिना ऑफिस आए काम करने का नुस्खा उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर परिणाम दे रहा है। वे यह व्यवस्था स्थाई रूप से लागू करना चाहते हैं, ताकि ऑफिस ( office) का खर्च कम किया जा सके।

इतना ही नहीं, 81% सीएफओ ने तो यहां तक कह दिया है कि वे भविष्य में वर्क फ्रॉम होम के लिए ही कर्मचारियों की भर्ती करेंगे। इसके लिए नियुक्ति की शर्तों में लचीला रुख अपनाने की बात भी उन्होंने कही है।

वर्क फ्रॉम होम को लेकर 20% सीएफओ का मानना है कि घर से काम करने से उनकी बिल्डिंग कास्ट और ट्रैवल एक्सपेंस में काफी बचत होगी। हालांकि, 71% सीएफओ का यह भी मानना है कि इससे कारोबार की निरंतरता और उत्पादकता दोनों प्रभावित हो सकती है।

सर्वे में शामिल 317 सीएफओ में अधिकतर ने माना कि कोरोना (corona )संक्रमणकाल की यह स्थिति वर्चुअल दफ्तर की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। वहीं, कई कंपनियां लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी स्थायी रूप से वर्क फ्रॉम होम ( work from home) की संभावनाएं तलाश रही हैं। एपल, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजन जैसी बड़ी कंपनियां अमेरिका में अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम करवा रही हैं। ट्विटर और गूगल ने तो दुनियाभर के अपने सेंटर में अगले आदेश तक इसी व्यवस्था में काम करते रहने का निर्देश जारी किया है। माइक्रोसॉफ्ट ने सिएटल और सैन फ्रांसिस्को के बाद पूरे अमेरिका में घर से ही काम करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

शोधकर्ता बोले- वर्क फ्रॉम होम की संस्कृति से नई धारणा स्थापित होगी

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस ( university of texas) के शोधकर्ताओं ने लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम का फायदा बताते हुए ट्वीट किया। इसमें शोधकर्ताओं ने अपनी उस रिसर्च का हवाला दिया, जिसमें 2018 में घर से काम करने के दौरान बिजली, ईंधन की कम खपत से पर्यावरण को होने वाले फायदे गिनाए गए थे। शोधकर्ताओं ने कहा- वर्क फ्रॉम होम की कार्यसंस्कृति से सबक लेने और नई धारणा स्थापित करने की जरुरत है।

वर्क फ्रॉम होम भविष्य की कार्य संस्कृति है? सर्वे तो इसी ओर मजबूत इशारा कर रहे

कोरोनावायरस से लॉकडाउन ( lock down ) झेल रही दुनिया के लिए हालाकि वर्क फ्राम होम कोई नयी कार्य शैली नहीं है। यूरोप और पश्चिमी देश ही नहीं वैश्वीकरण के बाद भारत में भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों मेंघरों से काम करने की पद्धति शुरू हो चुकी है। लेकिन इस लाकडाउन ने इस कार्य शैली को महानगरों से निकाल कर छोटे शहरो में भी खासा लोकप्रिय बना दिया है। लोग इन दिनों घर से काम का रहे हैं। इस शैली स्टाइल ( style ) को लोग अपना भी रहे हैं। नियोक्ताओं ( employers) को खर्च भी कम होता दिख रहा है।

दुनियाभर में कंपनियों की कार्यशैली में उम्मीद से ज्यादा बदलाव नजर आ रहा है। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजन जैसी कंपनियां ‘वर्क फ्रॉम होम’ को पहले भी तरजीह देती रही हैं। गार्टनर के ताजा सर्वे ( servey)के मुताबिक 74% सीएफओ मानते हैं कि बिना ऑफिस आए काम करने का नुस्खा उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर परिणाम दे रहा है। वे यह व्यवस्था स्थाई रूप से लागू करना चाहते हैं, ताकि ऑफिस ( office) का खर्च कम किया जा सके।

इतना ही नहीं, 81% सीएफओ ने तो यहां तक कह दिया है कि वे भविष्य में वर्क फ्रॉम होम के लिए ही कर्मचारियों की भर्ती करेंगे। इसके लिए नियुक्ति की शर्तों में लचीला रुख अपनाने की बात भी उन्होंने कही है।

वर्क फ्रॉम होम को लेकर 20% सीएफओ का मानना है कि घर से काम करने से उनकी बिल्डिंग कास्ट और ट्रैवल एक्सपेंस में काफी बचत होगी। हालांकि, 71% सीएफओ का यह भी मानना है कि इससे कारोबार की निरंतरता और उत्पादकता दोनों प्रभावित हो सकती है।

सर्वे में शामिल 317 सीएफओ में अधिकतर ने माना कि कोरोना (corona )संक्रमणकाल की यह स्थिति वर्चुअल दफ्तर की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। वहीं, कई कंपनियां लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी स्थायी रूप से वर्क फ्रॉम होम ( work from home) की संभावनाएं तलाश रही हैं। एपल, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजन जैसी बड़ी कंपनियां अमेरिका में अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम करवा रही हैं। ट्विटर और गूगल ने तो दुनियाभर के अपने सेंटर में अगले आदेश तक इसी व्यवस्था में काम करते रहने का निर्देश जारी किया है। माइक्रोसॉफ्ट ने सिएटल और सैन फ्रांसिस्को के बाद पूरे अमेरिका में घर से ही काम करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

शोधकर्ता बोले- वर्क फ्रॉम होम की संस्कृति से नई धारणा स्थापित होगी

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस ( university of texas) के शोधकर्ताओं ने लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम का फायदा बताते हुए ट्वीट किया। इसमें शोधकर्ताओं ने अपनी उस रिसर्च का हवाला दिया, जिसमें 2018 में घर से काम करने के दौरान बिजली, ईंधन की कम खपत से पर्यावरण को होने वाले फायदे गिनाए गए थे। शोधकर्ताओं ने कहा- वर्क फ्रॉम होम की कार्यसंस्कृति से सबक लेने और नई धारणा स्थापित करने की जरुरत है।

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस ( university of texas) के शोधकर्ताओं ने लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम का फायदा बताते हुए ट्वीट किया। इसमें शोधकर्ताओं ने अपनी उस रिसर्च का हवाला दिया, जिसमें 2018 में घर से काम करने के दौरान बिजली, ईंधन की कम खपत से पर्यावरण को होने वाले फायदे गिनाए गए थे। शोधकर्ताओं ने कहा- वर्क फ्रॉम होम की कार्यसंस्कृति से सबक लेने और नई धारणा स्थापित करने की जरुरत है।

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