तबलीगी मरकज जलसे मे दो हजार ने कैसे की शिरकत
विशेष संवाददाता
अपडेट ये है कि तबलीगी मरकज में मौजूद 950 संदिग्ध लोगों को दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती किया गया है। 80 लोगों का टेस्ट लिया गया है। इनमें कितने संक्रमित हैं, इसका पता लगने में तो समय लगेगा। पर धर्म के नाम पर हुए इस अधर्म के चलते तेलंगाना में आठ अपनी जान गंवा चुके हैं, इनमें सात वे लोग हैं जिन्होंने मरकज में हिस्सा लिया था। एक अन्य इन पीडितो में किसी का रिश्तेदार था। चूक पर हुई चूक से स्थिति विस्फोटक हो चुकी है। लाकडाउन के बीच करोना वायरस से लडी जा रही जंग का मरकज ने किस तरह मजाक बना कर रख दिया है, यह बताने की जरूरत नहीं। आप अपनी खुद मदद करेगे तो अल्लाह भी साथ देगा। लेकिन हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहने से अल्लाह भी कुछ नहीं कर सकेगा। बताया जाता है कि मरकज में शामिल दो हजार लोगों में से 250 में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं। सच तो यह है कि कोरोना पर बेशक यह आफत की जमात है।
काशी विश्वनाथ की नगरी भी खतरे में
खतरा काशी विश्वनाथ की नगरी पर भी कम नहीं मंडरा रहा। मरकज मे उत्तर प्रदेश के जिन सौ लोगों ने भाग लिया था, उनमे तीन वाराणसी के बताए जा रहे हैं। इनकी तलाश कर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि ये तीन इस दौरान कितनों से मिले हैं।
गौरतलब है कि निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मरकज जमात के मुख्यालय में 13 से 15 मार्च तक हुए जलसे मे धारा 144 को धता बताते हुए दो हजार लोगों के शिरकत करने को लेकर दिल्ली सरकार और प्रशासन पर सवालिया निशान लग गये है।
तबलीगी जमात कै मुख्यालय से थाना सटा हुआ है।फिर भी पुलिस ने मरकज को लेकर लापरवाही क्यों बरती ? जानकारी होने के बावजूद पुलिस ने सख्ती क्यों नहीं दिखायी ? चिकित्सा सुविधा देने के नाम पर की गयी लीपा-पोती का नतीजा ही था कि लोग करोना की चपेट में आ गये।
हैरत की बात तो यह कि पुलिस को मरकज मे हजारों की तादात मे रह रहे लोगों के बारे में सूचना मिल गयी थी। 27 मार्च को WHO की टीम को साथ लेकर पुलिस वहाँ गयी थी। उनको हिदायत दी गयी थी दूरी बना कर रखने की। 204 लोगों को भर्ती भी कराया गया था। इनमें 6 पाजिटिव पाए गए थे।
28 मार्च को लाजपत नगर के एसीपी ने न सिर्फ आयोजकों को नोटिस भेजा बल्कि दिल्ली सरकार को भी सूचित किया था। दक्षिण पूर्वी दिल्ली के एसडीएम के भी संज्ञान मे यह मामला ला दिया गया था। समय रहते दिल्ली सरकार और एसडीएम ने कदम क्यों नहीं उठाये ? यह कोई यक्ष प्रश्न नहीं है। इसके पीछे है गंदी राजनीति । दिल्ली दंगे मे भी इसी वोट-बैंक को प्राथमिकता ने बेडा गर्क किया था। वही हाल मरकज के जलसे के प्रकरण में भी हुआ।
जलसे में भाग लेने वाले देश के लिए “टाइम बम” बन चुके है। क्या होगा आगे, सोच कर ही दिल कांप उठता है। ये मरकज वाले पूरे देश में फैल चुके हैं। देखना है कि कैसे स्थिति नियंत्रण में आती है। जानिए पूरा हाल।
दिल्ली में रात को मरकज से करीब 100 से ज्यादा संदिग्ध लोगों को 3 बसों में भरकर ले जाया गया. हेल्थ विभाग की टीम ने इलाके के डीएम और पुलिस के साथ मिलकर इन्हें मरकज से निकाला. इसमें जो ज्यादा बीमार लग रहे हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि संदिग्ध लोगों को नरेला में आइसोलेशन में भेजा गया है.
देर रात मरकज को कराया गया खाली
कई संदिग्धों को नरैला में किया गया शिफ्ट। मरकज से गए लोगों की भी तलाश शुरू। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज का कोरोना कनेक्शन सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। जमात के मरकज में आए जिस शख्स की मौत हुई थी, अब उसके परिवार को क्वारनटीन कर लिया गया है। इसके साथ ही तेलंगाना और तमिलनाडु में निजामुद्दीन स्थित मरकज आए लोगों की तलाश शुरू हो गई है। तेलंगाना में 194 लोगों को क्वारनटीन किया गया, जबकि तमिलनाडु में 981 लोगों की पहचान कर ली गई और इनका टेस्ट किया जा रहा है।
दरअसल, दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज में करीब 14 सौ लोग ठहरे हुए थे, जिसमें विदेशी भी शामिल थे। जमात के विदेशी मेहमानों में ज्यादातर मलेशिया और इंडोनेशिया के नागरिक हैं। दिल्ली आने से पहले ये ग्रुप 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में एक धार्मिक जलसे में शामिल हुआ था। इस जमात के कई लोगों के कोरोना से पीड़ित होने के मामले सामने आ चुके हैं। प्रशासन को जैसे ही इनका पता चला हड़कंप मच गया.
पुलिस, मेडिकल और WHO की टीम भी फौरन मौके पर पहुंची। देर रात मरकज को खाली करा लिया गया।
मरकज में शामिल 14 सौ लोगों में 11 के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है। इन 11 में 10 लोग इंडोनेशिया के नागरिक हैं. यहीं पर 64 साल के एक और शख्स की मौत होने के बाद 34 लोगों के सैंपल जांच के लिए LNJP अस्पताल भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट का इंतजार है. इस बीच जान गंवाने वाले शख्स के विधायक सहित 18 परिजनों को हैदराबाद में क्वारनटीन किया गया है।..
आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किए गए संदिग्ध
दिल्ली में रात को मरकज से करीब 100 से ज्यादा संदिग्ध लोगों को 3 बसों में भरकर ले जाया गया। हेल्थ विभाग की टीम ने इलाके के डीएम और पुलिस के साथ मिलकर इन्हें मरकज से निकाला। इसमें जो ज्यादा बीमार लग रहे हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि संदिग्ध लोगों को नरेला में आइसोलेशन में भेजा गया है। इस लापरवाही को लेकर केजरीवाल सरकार भी सख्त नजर आ रही है. तब्लीगी जमात के सेंटर के मौलाना के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया है.
मरकज के मौलाना ने दी सफाई
इस बीच मरकज की तरफ से मौलाना यूसुफ ने सफाई दी है कि लॉकडाउन लागू होने से पहले ही वहां पर देशी विदेशी गेस्ट ठहरे हुए थे। लिहाजा उन्होंने सरकार के आदेश का पालन किया कि जो जहां है वहीं ठहरे। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कर रही पुलिस मास्क, ग्लब्स समेत सारे एहतियात बरत रही है. वहीं पूरे इलाके की ड्रोन से निगरानी की जा रही है।