लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 19 दिसम्बर को नागरिकता कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी और कांग्रेस की नेता सदफ जफर को शुक्रवार को जमानत मिल गई।इन दोनो को 19 दिसंबर को लखनऊ के परिवर्तन चौक पर हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार किया गया था।
लखनऊ के एडीजे संजय शंकर पांडेय ने शुक्रवार को समाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर और पूर्व आईपीएस दारापुरी और पवन राव अम्बेकर की जमानत मंजूर कर ली।
परिवर्तन चौक पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी समेत चार अन्य को कुर्की का नोटिस भेजी गई थी । पुलिस ने उपद्रवियों की संपत्ति कुर्क करने के लिए जो सूची तैयार की थी, उसमें इन चारों का नाम नहीं शामिल था। एएसपी पूर्वी सुरेश चंद्र रावत ने बताया था कि त्रुटिवश चारों का नाम सूची में नहीं डाला जा सका था।
रावत ने बताया था कि, दारापुरी, एक्टिविस्ट सदफ जफर, दीपक कबीर और मो. शोएब को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। चारों पर आरोप है कि उन्होंने धारा 144 लागू होने के बाद भी गैरकानूनी रूप से लोगों को बुलाकर सम्मेलन किया, जिसके दौरान उपद्रव और हिंसा हुई।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार शाम पूर्व आईपीएस एस.आर. दारापुरी के घरवालों से और रविवार को सदफ जफर के परिजनों से मुलाकात की थी। इस दौरान रास्ते में कुछ देर के लिए प्रियंका के वाहन को पुलिस ने रोक लिया। प्रियंका गांधी ने लखनऊ पुलिस पर गला दबाने और धक्का देकर गिराने के गंभीर आरोप लगाए हैं।