नई दिल्ली। भारत सरकार ने बीएच या कहें तो भारत सीरीज के रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए पहले एक पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया था और अब इसे नए वाहनों के लिए देशभर में शुरू कर दिया गया है। सरकार ने संसद में एक बयान के जरिए इस बात की जानकारी दी है। इस नंबर प्लेट का ये फायदा होगा कि इसपर किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का रजिस्ट्रशन नंबर नहीं होगा और इसकी शुरुआत बीएच ये होगी। इससे किसी भी राज्य से अपना वाहन अन्य राज्य में ले जोने पर आपको नंबर बदलवाने की जरूरत अब खत्म हो चुकी है। सड़क परिवहन एवं हाइवे मंत्री, नितिन गडकरी ने संसद में एक लिखित बयान जारी करते हुए कहा कि नए वाहनों के लिए भारत सीरीज को पेश कर दिया गया है।
रजिस्ट्रेशन नंबर बदलने की जरूरत अब नहीं पड़ेगी
केंद्रीय रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मंत्री, नितिन गडकरी ने ये भी कहा कि पिछले साल अगस्त में संषोधित मोटर वाहन एक्ट के तहत सरकार ने इस बदलाव को लेकर नोटिफिकेशन भेजा था। बीएच सीरीज रजिस्ट्रेशन प्लेट के साथ देशभर में किसी भी राज्य में शिफ्ट होने पर आपको रजिस्ट्रेशन नंबर बदलने की जरूरत अब नहीं पड़ेगी। ये उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जिनका ट्रांसफर लगातार होता रहता है। दावा है कि इस सीरीज के जारी होने के बाद वाहन चालकों को बहुत सहूलियत होगी और बिना किसी परेशानी के वो एक राज्य से दूसरे राज्य शिफ्ट हो सकेंगे। इस बयान में ये भी सामने आया है कि डिफेंस, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामने बीएच सीरीज स्वैच्छिक रूप से चुनने का विकल्प होगा।
प्राइवेट सेक्टर को भी BH सीरीज का रजिस्ट्रेशन
सरकारी कर्मचारियों के अलावा केंद्र और राज्य के PUCs के अलावा प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां जिनके ऑफिस 4 या उससे ज्यादा राज्यों में मौजूद हैं, उन कंपनियों के कर्मचारियों को भी बीएच सीरीज का रजिस्ट्रेशन उनके निजी वाहनों के लिए दिया जाएगा।
बीएच सीरीज नंबर चुनने पर आपको दो साल के लिए या दो साल के मल्टिपल नंबर में वाहन का टैक्स चुकाना होगा। 14 साल पूरे हो जाने के बाद मोटर वाहन पर टैक्स सालाना लिया जाएगा और इसकी राशि आधी कर दी जाएगी। कर्नाटक के साथ कई अन्य राज्य कुछ चुनिंदा समूहों के वाहन मालिकों को बीएच सीरीज के रजिस्ट्रेशन नंबर पहले से दे रहे हैं। हालांकि फिलहाल सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों को ही बीएच सीरीज के नंबर राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जा रहे हैं।