चेन्नई (एजेंसी)। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को यहां भारत के पहले मानवयुक्त समुद्री मिशन समुद्रयान का शुभारंभ किया। इसके साथ ही देश उन राष्ट्रों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया, जिनके पास समुद्री गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस तरह के पानी के नीचे के वाहन हैं। इस अवसर पर सिंह ने कहा कि राष्ट्र ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है। जब गगनयान कार्यक्रम के तहत एक भारतीय अंतरिक्ष में जाता है, तो दूसरा समुद्र में गहरा गोता लगाता है।

मंत्री ने ट्वीट किया, चेन्नई में भारत के पहले मानवयुक्त महासागर मिशन समुद्रयान का शुभारंभ किया। भारत अब अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस और चीन के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है, जिनके पास पानी के नीचे के ऐसे वाहन हैं। पीने के पानी और स्वच्छ ऊर्जा के लिए समुद्री संसाधनों का पता लगाने की खातिर एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘हम वास्तव में जो यह योगदान दे रहे हैं वह केवल वैज्ञानिक कार्य के दायरे तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भारत के राष्ट्रीय सम्मान के निर्माण में भी इसका योगदान होगा।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस टेक्नोलाजी से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को सहायता मिलेगी और हजार और 5500 मीटर गहरे समुद्र में निर्जीव संसाधनों जैसे पालिमेटैलिक मैंगनीज नाड्यूल, गैस हाइड्रेट, हाइड्रो थर्मल सल्फाइड और कोबाल्ट क्रस्ट की खोज की जा सकेगी। उन्हेांने बताया कि मानव युक्त समर्सिबल मतस्य 6000 (MATSYA 6000) का काम पूरा हो चुका है और यह इसरो, आइआइटीएम और डीआरडीओ समेतविभिन्न संगठनों के साथ शुरू किया जा सकेगा।

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