नई दिल्ली (एजेंसी)। चीन अब भारतीय मीडिया को भी अपने देश के मीडिया की तरह हांकना चाह रहा है। चीन ने भारतीय मीडिया से ताइवान को देश के रूप में प्रस्तुत न करने के लिए कहा है। नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने भारतीय मीडिया से कहा है कि वह वन चाइना पॉलिसी के अनुसार कार्य करे। यह नीति ताइवान को देश के रूप में मान्यता नहीं देती है और उसे चीन का हिस्सा मानती है। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने भारतीय मीडिया को चीन की ताकीद का मजाक उड़ाया है।
बौखलाए चीन ने कहा, वन चाइना पॉलिसी का किया जाए पालन
ट्वीट कर कहा है कि लोकतांत्रिक भारत के स्वतंत्र मीडिया को चीन अपने मीडिया की तरह नियंत्रित करना चाह रहा है। हाल ही में ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर भारतीय अखबारों ने विज्ञापन प्रकाशित किए थे और अन्य पठनीय सामग्री दी थी। कुछ महीने पहले ताइवान के चुनाव और उसके बाद की गतिविधियों को भी भारतीय मीडिया ने प्रमुखता से कवर किया था। इसी से चीन को मिर्ची लगी है।
भारत में स्वतंत्र मीडिया, उसने उचित किया’
नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के मीडिया को किए गए ईमेल पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने कहा है कि भारत में स्वतंत्र मीडिया है और उसने जो रिपोर्ट प्रकाशित की हैं वे बिल्कुल उचित दिखाई दे रही हैं। दुनिया में जिन भी देशों के चीन के साथ कूटनीतिक संबंध हैं, वे सभी वन चाइना पॉलिसी का सम्मान करते हैं। भारत भी लंबे समय से इस पॉलिसी को मान्यता दे रहा है।
साई इंग-वेन ने भारत के साथ संबंधों पर खुशी जाहिर की
राष्ट्रीय दिवस के विज्ञापन में राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने भारत के साथ संबंधों पर खुशी जाहिर की है और भारत को लोकतांत्रिक सहयोगी देश बताया है। वेन ने भारत को ताइवान का नैसर्गिक सहयोगी बताया है। चीनी दूतावास ने इस विज्ञापन और अन्य सामग्री के प्रकाशन पर नाखुशी जाहिर की है। बुधवार रात भेजे ईमेल में कहा है कि पूरी दुनिया में एक ही चीन है और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार का उस पर शासन है। दूतावास ने कहा है कि उसे आशा है कि भारतीय मीडिया भविष्य में भारत सरकार की वन चाइना पॉलिसी का उल्लंघन नहीं करेगा। वह भारत सरकार की मान्यता के अनुसार ही कार्य करेगा। वह ताइवान को देश के रूप में मान्यता नहीं देगा। वहां के शासन प्रमुख को राष्ट्रपति नहीं लिखेगा।
‘