ऐसे समय में जब पूरी दुनिया global pandemic corona वैश्विक महामारी कोरोना के कहर पर काबू पाने की जंग लड़ रही है, भारत को विश्व पटल पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की ज़िम्मेदारी सौंपी जाने वाली है। दरअसल world health organisation विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) की अगले महीने होने वाली वार्षिक बैठक के बाद भारत को संगठन के executive board कार्यकारी बोर्ड में chairperson चेयरपर्सन के तौर पर भारतीय प्रतिनिधि की नियुक्ति होगी।

गौरतलब है कि Covid-19 की वजह से दुनिया भर में दो लाख अस्सी से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 27 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। इसके साथ ही सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक Delhi और Geneva के diplomats राजनयिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत 22 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन के सम्मेलन के बाद होने वाली executive board कार्यकारी बोर्ड की पहली बैठक में प्रमुख पद ग्रहण करेगा। भारत Japan जापान की जगह लेगा, जो मई में इस पद पर अपना एक साल का कार्यकाल पूरा कर लेगा।

उल्लेखनीय है कि WHO डब्ल्यूएचओ के south-east Asia group दक्षिण-पूर्व एशिया समूह ने सर्वसम्मति से पिछले साल संगठन के कार्यकारी बोर्ड में भारत को तीन साल का कार्यकाल दिए जाने पर सर्वसम्मति से सहमति जताई थी। इस समूह ने क्षेत्रीय समूहों के बीच एक वर्ष तक रोटेशन के माध्यम से भी चेयरपर्सन के पद के लिए भारत को नामांकित किया था। चीन के Wuhan वुहान से saars-cov-2 virus सार्स-कोव-2 वायरस के दुनियाभर में तेजी से फैलने की घटना से बहुत पहले यह निर्णय लिया गया था।

विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएसए) जो रिक्त पदों को भरने के लिए औपचारिक रूप से कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों का चुनाव करेगी, 18 मई को आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। लेकिन यह पहले प्रस्तावित की गई 60 एजेंडे वाले संस्करण की तुलना में बहुत छोटी होगी। अब इसमें केवल तीन एजेंडे ही शामिल होंगे।

विश्व स्वास्थ्य सभा के उद्घाटन सत्र के बाद Director General Tedros Adhanom Ghebreyesus महानिदेशक टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस का संबोधन होगा जो Covid-19 से लड़ने की तैयारियों और प्रतिक्रिया पर केंद्रित होगा। इसके बाद सभा औपचारिक रूप से भारत सहित कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों और अध्यक्ष का चुनाव करेगी।

34-सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड के प्रमुख के रूप में भारत के नामित सदस्य को महानिदेशक टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस के साथ मिलकर काम करना होगा। बोर्ड, डब्ल्यूएचओ के कामकाज से अच्छी तरह वाकिफ एक राजनयिक ने कहा कि  आखिरकार विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा तय किए गए फैसलों और नीतियों को लागू करने के लिए यह अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक का सभी महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए बोर्ड के चेयरपर्सन को भरोसे में लेना जरूरी है। भारत अब Indonasia इंडोनेशिया की जगह कार्यक्रम बजट और प्रशासन समिति का सदस्य भी होगा। डब्ल्यूएचओ के एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत कोविड-19 के प्रकोप को लेकर पारदर्शिता के साथ जवाबदेही और डब्ल्यूएचओ में सुधार के पक्ष में है।

डब्ल्यूएचओ के गठन का उद्देश्य

1948 में डब्ल्यूएचओ का गठन संयुक्त राष्ट्र के giobal health organisation वैश्विक स्वास्थ्य संगठन के तौर पर हुआ था। डब्ल्यूएचओ के गठन का मुख्य लक्ष्य global health वैश्विक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद डब्ल्यूएचओ जैसा संगठन बनाने पर जोर दिया गया था। अतिसंवेदनशील या कमजोर देशों को संक्रमित बीमारियों के फैलने से बचाना डब्ल्यूएचओ का काम है। हैजा, पीला बुखार और प्लेग जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में डब्ल्यूएचओ ने अहम भूमिका निभाई है।

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