भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना वायरस से जंग में सभी देश अपने-अपने स्तर से इसकी तैयारियां कर रहे हैं। भारत ने भी अभी से ही वैक्सीन के उपलब्ध होने की स्थिति को लेकर पूरी तैयारी कर रखी है। भारत में कोरोना वैक्सीन की खरीद से लेकर भंडारण और वितरण तक का खाका तैयार है। अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक कोरोना वायरस वैक्सीन की बुकिंग के मामले में भारत दुनियाभर में नंबर वन पर है। 30 नवंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वैक्‍सीन की ‘कन्‍फर्म डोज’ के बुकिंग के मामले में भारत दुनियाभर में शीर्ष स्थान पर है। भारत अब तक कोरोना वैक्सीन की 160 करोड़ कन्फर्म डोज का ऑर्डर दे चुका है। 

ड्यूक यूनिवर्सिटी के लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने सबसे अधिक कोविड-19 वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की बुक की है। भारत ने ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन की 500 मिलियन डोज (50 करोड़) का ऑर्डर दिया है। भारत के साथ-साथ अमेरिका ने भी इतनी डोज का ऑर्डर दिया है। अमेरिका ने भी ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन के 500 मिलियन डोज का आर्डर दिया है। ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन को भारत, अमेरिका के अलावा यूरोपीय यूनियन समेत कई देशों ने बुक कर रखा है। 

तो चलिए जानते हैं कौन सा देश किससे कितनी वैक्सीन खरीद रहा
ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्सीन:
 भारत ने इसके 500 मिलियन डोज (50 करोड़) की बुकिंग की है। भारत के जितने ही अमेरिका ने भी वैक्सीन का ऑर्डर दिया है। वहीं यूरोपीय यूनियन ने 400 मिलियन डोज की बुकिंग की है। ब्रिटेन की बात करें तो इसने 100 मिलियन वैक्सीन के डोज की बुकिंग की है और कनाडा ने 20 मिलिनय का ऑर्डर दिया है। ड्यूक यूनिवर्सिटी ने जो आंकड़ा जारी किया है, उसमें सिर्फ ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की ही एकमात्र वैक्सीन है, जिसका ऑर्डर लगभग सभी ने दिया है। इन देशों को मिलाकर देखें तो सबसे अधिक 1.5 बिलियन (150 करोड़) वैक्सीन डोज ऑक्सफोर्ड की ही बुक हैं। बता दें कि इस वैक्सीन का ट्रायल भारत में सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है।

नोवावैक्स की वैक्सीन: भारत ने नोवावैक्स को वैक्सीन की 1 बिलियन डोज का ऑर्डर दिया है। हालांकि, अमेरिका इससे वैक्सीन नहीं खरीद रहा है। यूरोपीय यूनियन ने 110 मिलियन डोज का ऑर्डर दिया है, वहीं कनाडा ने 76 मिलिनय और ब्रिटेन ने 60 मिलिनय वैक्सीन के डोज का ऑर्डर दिया है। इस तरह से इसे कुल 1.2 बिलियन वैक्सीन का ऑर्डर मिला है। 

गमालेया की स्पुतनिक-5 वैक्सीन: भारत ने रूसी कोरोना वैक्‍सीन स्पुतनिक-V वैक्‍सीन की 100 मिलियन यानी 10 करोड़ डोज बुक कर रखी है। फिलहाल रूसी वैक्सीन का अंतिम ट्रायल भारत में हो रहा है और इसका हैदराबाद की डॉ रेड्डी के साथ ट्रायल के लिए समझौता हुआ है। रूस की वैक्सीन को भारत के अलावा, अब तक किसी देश ने बुक नहीं किया है। बता दें कि स्पुतनिक-5 को गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने विकसित किया है, जिसे लेकर अगस्त में ऐलान हुआ था।

सनोफी-जीएसके की वैक्सीन: भारत ने कोरोना वैक्सीन को लेकर इससे अब तक कोई करार नहीं किया है। हालांकि, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, कनाडा और ब्रिटेन ने इसके वैक्सीन की डोज का ऑर्डर दे रखा है। 

फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन: ब्रिटेन ने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को अपने देश में मंजूरी दे दी है और इसके 40 मिलियन डोज का ऑर्डर भी दे रखा है। हालांकि, भारत ने इसक वैक्सीन की बुकिंग अभी तक नहीं की है। अमेरिका ने 100 मिलियन यानी 10 करोड़ डोज की बुकिंग की है। वहीं, यूरोपीय यूनियन ने 300 मिलियन और कनाडा ने 20 मिलियन ने ऑर्डर दे रखा है। इस तरह से इस कंपनी के वैक्सीन की 460 मिलियन डोज की बुकिंग हो चुकी है। 

मॉडर्ना की वैक्सीन: वैक्सीन कैंडिडेट्स मॉडर्ना भी रेस में आगे चल रही है, मगर भारत ने अब तक इसके कन्फर्म वैक्सीन की बुकिंग नहीं की है। हालांकि, यूरोपीय यूनियन ने 160 मिलियन डोज का ऑर्डर दिया है और कनाडा ने 56 मिलियन  का। मगर यहां यह भी जानने वाली बात है कि अमेरिका ने भी इसकी बुकिंग नहीं की है। 

यहां ध्यान देने वाली बात है कि ये सभी वैक्सीन के ऑर्डर कन्फर्म वैक्सीन को लेकर हैं। जब इन सबकी वैक्सीन पूरी तरह से ग्लोबली मंजूर हो जाएगी, तब ये सभी कंपनियां ऑर्डर के हिसाब से उन देशों को सप्लाई करेंगी, जिन्होंने पहले से बुक कर रखा है। इस तरह से अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो भारत अब तक दुनियाभर में सबसे अधिक 1.6 बिलियन यानी 60 करोड़ वैक्‍सीन का ऑर्डर दे चुका है। 

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