नई दिल्ली। भारत ने कई महीने बाद कोरोना वैक्सीन का निर्यात एक बार फिर से शुरू किया है। तेहरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने कहा है कि कोवैक्सीन के दस लाख डोज वहां पहुंच चुके हैं।
इसके अलावा केंद्र सरकार के सूत्र के मुताबिक नेपाल में भी वैक्सीन के डोज भेजे गए हैं। सूत्रों के मुताबिक अब तक चालीख लाख वैक्सीन डोज का निर्यात किया जा चुका है। बीते सप्ताह खबर आई थी कि केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट को ‘वैक्सीन मैत्री’ के तहत नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश को 10-10 लाख कोविशील्ड खुराक भेजने की अनुमति दी है। इसके अलावा भारत-बायोटेक की कोवैक्सीन के दस लाख डोज ईरान के लिए फाइनल किए गए थे।
देश में कोविड पर नेशनल टास्क फोर्स के हेड डॉ. वीके पॉल का कहन है-अगले साल से बड़ी संख्या में वैक्सीन की मौजूदगी होगी। हम उम्मीद कर रहे हैं भारत में बनी वैक्सीन का महामारी के खिलाफ लड़ाई में बड़ा रोल रहने वाला है।
बीते महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था, ‘वैक्सीन मैत्री’ के तहत, भारत पूरी दुनिया की मदद करेगा और चौथी तिमाही में कोवैक्स में योगदान देगा.’ उन्होंने कहा, ‘हमें अगले महीने कोरोना-रोधी वैक्सीन की 30 करोड़ से अधिक खुराक मिलने की उम्मीद है। वैक्सीन का उत्पादन बढ़ेगा क्योंकि जैविक ई और अन्य कंपनियां अपने टीके बाजार में ला रही है।
बीते महीने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने भी कहा था कि वो केंद्र सरकार से वैक्सीन निर्यात के लिए हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि SII के पास पहले से बिलियन डॉलर से ज्यादा कीमत (यानी कई हजार करोड़) के वैक्सीन डोज का ऑर्डर बैकलॉग में पड़ा हुआ है।
वैक्सीन निर्यात शुरू करने के भारत के फैसले को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा था। WHO के मुखिया टेड्रॉस अधनोम गेब्रेयेसुस ने कहा था कि भारत के इस फैसले से साल के अंत तक सभी देशों में कम से कम 40 फीसद आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।