चीन की कुटिलता का जवाब देने के लिए भारत वैश्विक मंचो पर उसे बख्शने को तैयार नहीं है। भारत एक तरफ चीन की सीमा पर तनाव पैदा करने की कोशिश का कूटनीतिक स्तर पर जवाब दे रहा है। वहीं, कोविड मामले में भी चीन की संदिग्ध भूमिका पर भारत की नजर बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की जांच के तरीकों को लेकर भारत सवाल उठा रहा है।

बहुपक्षवाद के लिए गठबंधन की वर्चुअल मंत्रिस्तरीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमारी वैश्वीकृत आर्थिक व्यवस्था को तबाह करके रख दिया है। उन्होंने कहा कि  दुनिया भर में 4 लाख से अधिक मौतों ने जीवन के हर हिस्से को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अलग तरह की राजनीति करनी होगी और तथ्यों का विश्लेषण करना होगा कि क्या वर्तमान में कोविड-19 महामारी के कारणों का पता लगाने के लिए जो हम प्रयास कर रहे हैं वह सही है या नहीं। उन्होंने कहा कि भविष्य में हमारे स्वास्थ्य व्यवस्था में बदलाव करने पर भी  बल देना होगा।

भारत की ओर से ये सवाल उठाना इसलिए अहम है क्योंकि भारत उन देशों में शामिल है जिन्होंने कोरोना संक्रमण के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच के प्रस्ताव पर दस्तखत किए थे। सूत्रों ने कहा भारत सामरिक, आर्थिक व कूतिनीतिक स्तर पर चीन की हर चालबाजी का जवाब देने की रणनीति पर मित्र देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में भी भारत प्रभावी भूमिका निभाने के लिए विभिन्न देशों के संपर्क में है। शुक्रवार को भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और उनके जर्मनख समकक्ष मिगुअल बर्जर ने अनेक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की थी। भारत अमेरिका, फ्रांस, रूस से भी संपर्क में है।

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