नए साल में सड़क यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। सरकार देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों से टोल प्लाजा हटाने की तैयारी कर रही है। टोल प्लाजा के स्थान पर सरकार फास्टैग की मदद से ऑटो जीपीएस आधारित टोल कलेक्टशन सिस्टम लागू करने जा रही है। इससे चलते फिरते टोल टैक्स अदा किया जा सकेगा। खास बात यह है कि इस तकनीक में जितना किलोमीटर टोल रोड का इस्तेमाल होगा, उतना ही टैक्स कटेगा। अन्य फायदों में सड़क यात्रियों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर कंजेशन से छुटकारा मिलेगा। सफर जल्द पूरा होगा, जाम से हजारों करोड़ लीटर ईंधन बर्बाद नहीं होगा और पर्यावरण का नुकसान कम होगा।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एनएचएआई के चेयरमैन व सचिव को इस बाबत पांच जनवरी को नोट जारी कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक जनवरी से नए व पुराने वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार टोल प्लाजा पर नगद टैक्स वसूली को समाप्त कर 100 फीसदी फास्टैग यानी ऑनलाइन टैक्स वसूली सिस्टम को लागू करने जा रह है। वर्तामान में लगभग 500 टोल प्लाजा से 80 फीसदी टैक्स वसूली फास्टैग से हो रही है। और तीन करोड वाहनों मे फस्टैग लगाया जा चुका है।

अधिकारी ने बताया कि आधुनिक तकनीक युग में ऑनलाइन टोल कलेक्शन से टोल प्लाजा गैर जरुरत होते जा रहे हैं। इसलिए सरकार चरणबद्ध तरीके से देशभर के सभी टोल प्लाजा को राष्ट्रीय राजमार्गो से हटाने जा रही है। नए साल में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना की टेंडर प्रक्रिया में टोल प्लाजा का निर्माण कराने का प्रावधान हटा दिया जाएगा। यानि भविष्य में नए राजमार्ग प्लाजा राहित बनेंगे।

पूरा सिस्टम सेटलाइट से जुड़ा होगा
एनएचएआई में इस योजना से जुड़े तकनीकी जानकार अधिकारी ने बताया कि पूरा सिस्टम सेटलाइट आधारित जीपीएस से जुड़ा होगा। टोल रोड पर जगह जगह लगे ऐंटीना युक्त पोल व एडवांस सीसीटीवी कैमरें लगे होंगे। सेंसर फास्टटैग को रीड कर वाहन का पूरा विवरण टोल टैक्स सिस्टम के कंप्यूटर डाटा बेस को भेज देंगे। जिससे टोल टैक्स नहीं देने अथवा गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी। राष्ट्रीय राजमार्गो की जियो मैपिंग होगी। जिससे टोल रोड का जितना इस्तेमाल किया जाएगा, उनका ही टैक्स ऑटोमैटिक कट जाएगा। इस आधुनिक तकनीकी में मानवीय हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं है।

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