होली में बेहद खास होता है बनारसी ज़ायका

वाराणसी। रंगोत्सव पर्व होली पर मिलने-मिलाने वालों का स्वागत घरों में केसरिया ठंडाई व गुझिया से किया जाता है। पहले तो घरों में ही तरह-तरह के पकवानों के साथ गुझिया बनाई जाती थी लेकिन अब तो बाजार में ही गुझिया की तरह-तरह की वेरायटी उपलब्ध होने के कारण लोग इस ओर आकर्षित हुए हैं।

काफी लंबी है इन मिठाइयों की फेहरिस्त

होली व दीपावली पर काशी की रसीली व स्वादिष्ट मिठाइयों का लुत्फ सभी उठाना चाहते हैं। खरीदारों की भीड़ को देखते हुए प्रमुख मिष्ठान्न विक्रेताओं द्वारा खोवे-छेने की मिठाइयों के साथ ही गुझिया की कई वेरायटी उपलब्ध कराई जाती है। इसमें खोवा व मेवे की सूखी गुझिया, रसभरी गुझिया, सेवईं की गुझिया, शुद्ध देशी घी की गुझिया सभी दुकानों पर पर्व से एक सप्ताह पहले से उपलब्ध हैं। लोग जरूरत अनुसार दुकानों पर आर्डर भी दे रहे हैं ताकि त्योहार पर मेहमानों के स्वागत में कोई कमी न रह जाए।

कुछ प्रतिष्ठित नाम और उनके ज़ायके

राजबंधु (कमच्छा व कचौड़ी गली), छीर सागर (सोनारपुरा, रवींद्रपुरी समेत अन्य शाखाएं), राम भंडार, (बांसफाटक), सत्यनारायण मिष्ठान्न भंडार, श्रीराम भंडार (ठठेरी बाजार), राजश्री स्वीट्स (कचहरी) व चेतगंज, मुकीमगंज समेत अन्य क्षेत्रों के प्रतिष्ठित दुकानों पर गुझिया लेने वालों का तांता लग रहा है। कुछ बड़ी दुकानों पर काजू व खोवा मिक्स पिचकारी, बाल्टी, बैट-बाल, सेव आदि की आकृति में मिठाई की बिक्री की जा रही जो लोगों को पसंद भी आ रही है।

होली के उल्लास में ठंडाई की तरावट

ठंडाई के शौकीन होली पर लोगों का स्वागत ठंडाई से ही करते हैं। पक्का महाल के अधिकांश घरों में लोग रेडीमेड ठंडाई में दूध मिलाकर इसे घर पर तैयार कराते हैं और मेहमानों का स्वागत करते हैं। वहीं बाबा की नगरी में भक्त भी ठंडाई व भांग के सुरूर के बीच पर्व का भरपूर लुत्फ उठाते हैं। ठंडाई के लिए ख्यात नीचीबाग वाले पाठक जी, बांसफाटक पर बाबा ठंडाई घर, गोदौलिया पर मिश्रांबु समेत दर्जनों दुकानें हैं जहां लोगों को आसानी से प्रसाद के तौर पर ठंडाई व भांग मिलता है।

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