कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में चार इमारतों को राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम ने करेंसी बिल्डिंग, बेल्वेदेरे हाउस, मेटकॉफ हाउस और विक्टोरिया मेमोरियल हॉल को राष्ट्र को समर्पित किया। संस्कृति मंत्रालय ने इनकी मरम्मत एवं साज सज्जा का काम किया है।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘संस्कृति और साहित्य की तरंग और उमंग से भरे कोलकाता के इस वातावरण में आकर मन और मस्तिष्क आनंद से भर जाता है। ये एक प्रकार से मेरे लिए खुद को तरोताज़ा करने का और बंगाल की वैभवशाली कला और सांस्कृतिक पहचान को नमन करने का अवसर है।’
उन्होंने कहा कि ‘अभी जब प्रदर्शनी देखी, तो ऐसा लगा था जैसे मैं उन पलों को स्वयं जी रहा हूं जो उन महान चित्रकारों, कलाकारों, रंगकारों ने रचे हैं, जिये हैं। बांग्लाभूमि की, बंगाल की मिट्टी की इस अद्भुत शक्ति, मोहित करने वाली महक को मैं नमन करता हूं।’
पीएम ने कहा कि ‘भारत की कला, संस्कृति और अपनी हैरिटेज को 21 वीं सदी के अनुसार संरक्षित करने और उनके अनुसार रिनवेंट, रेब्रांड, रेनोवेट और रेहाउस करने का राष्ट्रव्यापी अभियान आज पश्चिम बंगाल से शुरू हो रहा है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘ केंद्र सरकार का ये प्रयास है कि भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य को दुनिया के सामने नए रंग-रूप में रखे, ताकि भारत दुनिया में हैरिटेज टूरिज्म का बड़ा सेंटर बनकर उभरे।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ये भी तय किया गया है कि देश के 5 प्रतिष्ठित संग्रहालय को अंतर्राष्ट्रीय मानक का बनाया जाएगा। इसकी शुरुआत विश्व के सबसे पुराने म्यूजियम में से एक, भारतीय संग्रहालय कोलकाता से की जा रही है।’
पीएम मोदी ने कहा कि बिप्लबी भारत नाम से म्यूज़ियम बने, जिसमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस, ऑरबिंदो घोष, रास बिहारी बोस, खुदी राम बोस, देशबंधु, बाघा जतिन, बिनॉय, बादल, दिनेश विपिन, ऐसे हर महान सेनानी को यहां जगह मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब आज़ाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूरे हुए तो लाल किले में ध्वजारोहण का सौभाग्य मुझे खुद मिला। नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग भी बरसों से हो रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘अभी हम सभी ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी की 200वीं जन्म जयंती मना रहे हैं। इसी तरह 2022 में जब भारत की आज़ादी के 75 वर्ष होंगे, तब एक और सुखद संयोग बन रहा है। साल 2022 में महान समाज सुधारक और शिक्षाविद राजा राममोहन राय की 250वीं जन्म जयंती आने वाली है।’
पीएम ने कहा कि ‘ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अंग्रेजी शासन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी देश का जो इतिहास लिखा गया, उसमें इतिहास के कुछ अहम पक्षों को नजरअंदाज कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि ‘गुरुदेव ने अपने एक लेख में एक बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण भी दिया था आंधी और तूफान का।’ उन्होंने लिखा था कि ‘चाहे जितना भी तूफान आए, उससे भी ज्यादा अहम होता है कि संकट के उस समय में, वहां के लोगों ने उस तूफान का सामना कैसे किया।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत को आदि शंकराचार्य, थिरुनावुक्कारासार जैसे कवि संतों का आशीर्वाद मिला। अंदाल, अक्का महादेवी, भगवान बशवेश्वर, गुरु नानक देव जी द्वारा दिखाया गया मार्ग, आज भी हमें प्रेरणा देता है।’
उन्होंने कहा कि ‘भारत को आदि शंकराचार्य, थिरुनावुक्कारासार जैसे कवि संतों का आशीर्वाद मिला। अंदाल, अक्का महादेवी, भगवान बशवेश्वर, गुरु नानक देव जी द्वारा दिखाया गया मार्ग, आज भी हमें प्रेरणा देता है। राजनीतिक और सैन्यशक्ति तो अस्थाई होती है, लेकिन कला और संस्कृति के जरिए जो जनभावनाएं अभिव्यक्त होती हैं, वो स्थाई होती हैं और इसलिए, अपने समृद्ध इतिहास को, अपनी धरोहर को संजोकर रखना, उनका संवर्धन करना भारत के लिए, हर भारतवासी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हम सभी को स्वामी विवेकानंद जी की वो बात हमेशा याद रखनी है, जो उन्होंने मिशिगन यूनिवर्सिटी में कुछ लोगों से संवाद के दौरान कही थी। स्वामी विवेकानंद ने उन्हें कहा था- “अभी वर्तमान सदी भले ही आपकी है, लेकिन 21वीं सदी भारत की होगी।’
ममता बनर्जी इस अवसर पर भी सियासत से नहीं चूकी
पीएम मोदी से मिलने के कुछ मिनट बाद ही ममता बनर्जी CAA और NRC के खिलाफ धरना देने पहुंच गईं।
ममता बनर्जी अपने समर्थकों के साथ टीएमसी धरना मंच पर बैठ गई । टीएमसी के धरना कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमला बोलते हुए कहा कि कल स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन है। कुछ लोग दिल्ली से उनके नाम पर खुद को चमकाने के लिए नीचे उतरे हैं। लेकिन हम पूरे साल उनके आदर्शों पर काम करते है। ममता ने आगे कहा कि नागरिकता हर नागरिक का अधिकार है। सीएए के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। हमारा प्रदर्शन यहां शांतिपूर्ण था। बीजेपी का हिंसक था। पीएम मोदी आज कोलकाता आए। मैंने उन्हें बता दिया है कि हम सीएए लागू नहीं करेेंगे।
ममता यहाँ भी हिन्दू- मुसलमान करने से नहीं चूकी। उन्होने पीएम मोदी के बेलूर मठ के कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहा कि याद रखो, बेलुर मठ के अंदर एक दरगाह भी है।