ऋचा बाजपेयी
वॉशिंगटन। रविवार को अमेरिकी राज्य टेक्सास के सबसे बड़े शही ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने, ‘हाऊडी मोदी!! शेयर्ड ड्रीम्स, ब्राइट फ्यूचर्स,’ में हिस्सा लिया। करीब तीन घंटे के इस कार्यक्रम में मोदी और ट्रंप के बीच जो याराना देखने को मिला,उसने कई तरह की संभावनाओं को जन्म दिया। एक मौका ऐसा भी आया जब पीएम मोदी ने खड़े होकर राष्ट्रपति ट्रंप के लिए तालियां भी बजाईं। दरअसल राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने संबोधन में रेडिकल इस्लामिक टेररिज्म यानी चरमपंथी इस्लामिक आतंकवाद का जिक्र किया था। यह पहला मौका था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के किसी कार्यक्रम में इस शब्द का प्रयोग किया हो।
भारतीयों की रक्षा का वादा
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिका मासूम भारतीय-अमेरिकियों को चरमपंथी इस्लामिक आतंकवाद से बचाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।’ ट्रंप ने जैसे ही यह बात कही स्टेडियम में मौजूद 50,000 भारतीयों और पीएम मोदी ने उनके लिए खड़े होकर तालियां बजाईं। रविवार को पहला मौका था जब ट्रंप और मोदी ने किसी कार्यक्रम के दौरान स्टेज साझाकिया हो। विशेषज्ञों की मानें तो ट्रंप के इस बयान के बाद इस बात की तरफ इशारा मिलता है कि पाकिस्तान में पनपने वाला आतंकवाद विदेशों में बसे भारतीयों के बीच भी चिंता का विषय बना हुआ है।
बॉर्डर सिक्योरिटी सबसे अहम
ट्रंप ने अपने 30 मिनट की स्पीच में कहा कि बॉर्डर सिक्योरिटी भारत और अमेरिका दोनों के लिए ही नाजुक मसला है। यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) में 24 सितंबर को राष्ट्रपति ट्रंप का संबोधन है और उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ट्रंप के बयान का जिक्र अपने एक ट्वीट में किया है। ट्रंप ने इस दौरान कहा कि अमेरिका, भारत के साथ कई रक्षा सौदों की तरफ से भी नजरें गड़ाए हुए है।
व्हाइट हाउस में भारत का सच्चा दोस्त
ट्रंप ने इस दौरान यह भी कहा, ‘अगर मैं दोबारा चुना गया तो भारत का एक सच्चा दोस्त व्हाइट हाउस में होगा।’ ट्रंप ने यह भी कहा कि उनसे बेहतर भारत का अच्छा दोस्त कोई और नहीं है और पीएम मोदी इस बात को जानते हैं।राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत में बेरोजगारी दर में कमी आ रही है। भारत ने करोड़ों लोगों से गरीबी से निकाला है और यह अद्भुत है। राष्ट्रपति ट्रंप के मुताबिक पीएम मोदी की विकास की नीतियों की वजह से देश के करीब 300 मिलियन लोग गरीबी से बाहर आए हैं। उनके मुताबिक यह संख्या अपने आप में असाधारण है।