हांगकांग में सुरक्षा कानून लागू होमे के बाद बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर जहां हांगकांग में लोग सड़कों पर जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कई देश चीन की आलोचना कर रहे हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चीन पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए हांगकांग के लोगों को ब्रिटेन की नागरिकता देने की घोषणा कर दी । इसपर चीन ने पलटवार करते हए कहा कि यूके को हांगकांग के लोगों को नागरिकता देने का कोई अधिकार नहीं। चीन ने कहा कि वो ब्रिटेन को हांगकांग के लोगों को नागरिकता नहीं देने देंगे और इसके लिए कड़े कदम उठाएंगे। 

हांगकांग के कई लोगों की गिरफ्तारी

बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागु होने के मद्देनजर हांगकांग में जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। इस दौरान करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

मानवाधिकार उल्लंघन गंभीर मुद्दा

ब्रिटेन के विदेश सचिव डोमेनिक राब ने कहा कि हांगकांग में स्वतंत्रता और मानवाधिकार उल्लंघन गंभीर मुद्दा है। ब्रिटेन ने हांगकांग के वाणिज्यिक दूतावास के पूर्व कर्मचारी साइमन चेंग को शरण दी है जिसने आरोप लगाया था कि चीन में उसे यातना दी गई थी। 

अमेरिका ने चीन पर नए प्रतिबंधों को मंजूरी दी

अमरिकी संसद ने बुधवार को एक  विधेयक को मंजूरी दे दी जिससे चीन को हांगकांग में कानून लागू करने को लेकर जवाब दिया जा सके। ये उन समूहों पर प्रतिबंध लगाएगा जो हांगकांग की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों की आजादी छीन रहे हैं।

इधर भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख में एलएसी पर करीब दो महीने से टकराव के हालात बने हुए हैं। छह जून को हालांकि दोनों सेनाओं में पीछे हटने पर सहमति बन गई थी लेकिन चीन उसका क्रियान्वयन नहीं कर रहा है। इसके चलते 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच खूनी झड़प भी हो चुकी है। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बात हुई है तथा 22 जून को सैन्य कमांडरों ने भी मैराथन बैठक की है। हर बार सहमति बनती है, लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं दिखाई देता है। 

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