कोलकाता। दिग्गज नेता व ममता सरकार में पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी का गुरुवार को निधन हो गया। उन्होंने कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में रात 9:22 मिनट पर अंतिम सांस ली। 75 वर्षीय मुखर्जी पिछले कई दिनों से बीमार थे। बताया जा रहा है कि शाम में अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा और कुछ देर बाद उनका निधन हो गया।
दीपावली व काली पूजा उत्सव के बीच उनके निधन की खबर सामने आते ही बंगाल के सियासी गलियारे में शोक की लहर छा गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके निधन की खबर सुनते ही तुरंत एसएसकेएम अस्पताल पहुंचीं। ममता ने मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और इसे बंगाल की राजनीति के लिए बड़ी क्षति बताया है। राज्य के कई मंत्रियों समेत तृणमूल कांग्रेस, भाजपा सहित सभी दलों के नेताओं ने मुखर्जी के निधन पर गहरा दुख जताया है। ममता के अलावा राज्य के कई मंत्री मुखर्जी के निधन की खबर के बाद अस्पताल पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुखर्जी बंगाल की राजनीति का जाना पहचाना चेहरा थे। वह कई दशकों तक राज्य की राजनीति में सक्रिय भूमिका में रहे। मुखर्जी 2011 में ममता बनर्जी की अगुवाई में पहली बार राज्य में बनने वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के समय से ही लगातार मंत्री पद पर काबिज थे। तृणमूल कांग्रेस से पहले वे कांग्रेस में थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते मुखर्जी ने 2011 के विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। मुखर्जी कोलकाता नगर निगम के मेयर भी रह चुके हैं। एक समय बंगाल में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में मुखर्जी की गिनती होती थी।
गौरतलब है कि नारद स्टिंग कांड में भी मुखर्जी आरोपित थे। राज्य में 2016 के विधानसभा चुनाव के पहले नारद कांड सामने आया था, जिसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं, मंत्रियों सांसदों व विधायकों को कथित रूप से कैमरे पर पैसे लेते दिखाया गया था। कुछ माह पहले सीबीआइ ने इस मामले में कई तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार भी किया था, जिसमें मुखर्जी भी शामिल थे। हालांकि बाद में उन्हें हाई कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई थी।