20 मार्च को होगी अगली सुनवाई
वाराणसी। राडार टेक्निक से ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण से जुड़ी याचिका पर अगली सुनवाई अब 20 मार्च को होगी। जी हाँ! ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद मामले को लेकर सोमवार को होने वाली सुनवाई टल गई।
क्यों टली सुनवाई
सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट) वाराणसी ने ज्ञानवापी मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए 15 मार्च की तिथि तय की थी। सोमवार को कोर्ट में अंजुमन इंतजामिया मसजिद और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया कि मामले के सुनवाई के लिए आज की तिथि टालकर अगली तिथि नियत की जाए। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 20 मार्च की तिथि तय की है। साथ ही आपको बता दें कि ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर साल 1991 में मुकदमा दायर किया गया था।
राडार से पुरातात्विक सर्वेक्षण के लिए दिया गया प्रार्थना पत्र
इस संबंध में स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट) में सोमवार को ज्ञानवापी केस में पुरातात्विक सर्वेक्षण का प्रार्थना पत्र जो वादी पक्ष से प्रस्तुत हुआ था, उसकी सुनवाई के लिए 15 मार्च की तिथि नियत थी।
वाद पक्षकार बनाए जाने हेतु हुआ था प्रार्थना पत्र खारिज
आपको बता दें कि ज्ञानवापी मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया था। उन्होंने मांग की थी कि उन्हें बतौर वादमित्र पक्षकार बना लिया जाए। कोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद पिछली तिथि पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था।
वक़्फ़ बोर्ड ने कोर्ट से मांगा गया समय
वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि कोर्ट ने पुरातात्विक सर्वेक्षण मामले पर सुनवाई के लिए 15 मार्च की तिथि नियत की थी। इस पर सोमवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा मामले में आगे की तिथि के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर समय मांगा गया। इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 20 मार्च की तिथि नियत की है।