उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह ने बुधवार को कहा कि पूरे प्रदेश में कहीं पर भी कम्युनिटी स्प्रेड नहीं है। कोरोना के हालात नियंत्रित हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य सभी विभागों के लोगों ने संयुक्त रूप से काम किया है। उन्होंने नोएडा-दिल्ली बॉर्डर को फिर से सील करने या फिर प्रदेश में फिर से लॉकडाउन होने की संभावनाओं से भी इनकार किया। 

स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह बुधवार को नोएडा में थे। यहां पर उन्होंने सेक्टर-59 स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली से लगे तीन जनपद गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और मेरठ कोरोना के लेकर सबसे महत्वपूर्ण हैं। शासन भी इनको लेकर अलर्ट है। यहां की विशेष निगरानी हो रही है। यहां बॉर्डर पर भी जांच चल रही है लेकिन उसमें कोई पॉजिविटी रेट बहुत ज्यादा नहीं आ रहा है। लेकिन फिर भी दिल्ली से आने-जाने वालो को लेकर सर्तकता बरती जाएगी। 

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बहुत अच्छा काम किया है और यहां पर कोरोना से जंग के लिए सारी व्यवस्था पूरी हैं। यहां पर रिकवरी रेट 94 प्रतिशत और मृत्युदर 1.4 प्रतिशत चल रही है। मार्च से अभी तक 5.33 लाख केस आए हैं, जबकि प्रदेश की आबादी 24 करोड़ से भी ज्यादा है। 
 

दिल्ली में गलत नीतियों से बढ़ा संक्रमण
प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में गलत नीतियों की वजह से कोरोना का संक्रमण बढ़ा है। वहां पर एंटीजन जांच अधिक की गई। आरटीपीसीआर जांच कम हुई। इसकी वजह से संक्रमण फैल गया और दिल्ली इस हालत में पहुंच गई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा काम हो रहा है। यहां पर सबसे ज्यादा जांच की गई है और सबसे अधिक लैब यहां पर बनी हैं। फिर भी कुछ लोग गलत आरोप लगाते हैं और प्रदेश की व्यवस्थाओं पर अंगुली उठाते हुए दिल्ली से उसकी तुलना करते हैं। दिल्ली में प्रबंधन ही सही नहीं है।    

न बॉर्डर सील होगा, न लॉकडाउन लगेगा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान हालात में दिल्ली-नोएडा या फिर दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर को सील करने की प्रदेश सरकार की कोई मंशा नहीं है और न ही इस पर कोई विचार हो रहा है। दिल्ली की तर्ज पर मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंस का पालन न करने वालों पर जुर्माना बढ़ाया जाने की संभावना से भी उन्होंने इनकार किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अभी लॉकडाउन भी नहीं करने जा रही है। उनके द्वारा सिर्फ सार्वजनिक कार्यक्रमों में 100 लोगों की संख्या निर्धारित की गई है। 

कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर जोर
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना से जंग में उनका जोर कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर है। एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले 15 से 25 लोगों की ट्रेसिंग 48 घंटे में कर उनकी जांच की जाती है, जिससे कोरोना को नियंत्रण में रखने में सबसे ज्यादा मदद मिल रही है। आगे भी जांच को बढ़ाया जाएगा। प्रदेश में वर्तमान में 1 लाख रैपिड जांच और 70 हजार आरटीपीसीआर जांच रोज हो रही हैं।

टीकाकरण के लिए प्रदेश पूरी तरह से तैयार
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीकाकरण के लिए उत्तर प्रदेश पूरी तरह से तैयार है। यहां पर सभी 75 जिलों में कोल्डचेन स्थापित हैं जहां पर कुछ नई मशीनें लगनी हैं, वहां पर नई मशीनें लगवायी जा रही हैं और 15 दिसंबर तक यह कार्य भी पूर्ण हो जाएगा। टीकाकरण के लिए सभी कर्मियों की ट्रेनिंग भी हो चुकी है। 

वैक्सीन के संबंध में उन्होंने कहा कि कोरोना की वैक्सीन कब आयेगी, इसका जवाब तो वैज्ञानिक ही देंगे। लेकिन पहले चरण में किसको मिलेगी, इसका फैसला केंद्र सरकार प्रदेश की सरकारों से चर्चा के बाद ही करेगी। सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को यह वैक्सीन दी जाएगी। उसके बाद कोरोना मरीजों में 45 से 60 साल के आयु वर्ग के 74 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई है। ऐसे में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी पहले वैक्सीन दी जा सकती है। लेकिन इसका फैसला बाद में होगा। 

चाय की दुकान पर नहीं लगा रहा था किसी ने मास्क
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में लोग कोरोना के खतरे को लेकर बेपरवाह हैं और वह सोच रहे हैं कि कोरोना समाप्त हो चुका है। वह बुधवार की रात में कार से नोएडा आ रहे थे तो रास्ते में मथुरा में एक चाय की दुकान पर चाय पीने के लिए रुके तो वहां के हालात देख कर वह अचम्भित थे, पूरी दुकान पर किसी ने मास्क नहीं लगा रखा था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी लोगों को मास्क के लिए जागरूक करना जरूरी है।

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