दिल्ली में किसी संदिग्ध या संक्रमित ने इलाज से इनकार किया तो एक्शन

एयर इंडिया की इटली, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, दक्षिण कोरिया और श्रीलंका की उड़ानें 30 अप्रैल तक रद

आधे देश में कोरोना वायरस का कहर छा गया है। मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और अब यह 81 हो चुकी है। सरकार इसे आगे फैलने से रोकने के प्रयास कर रही है और लोगों को भी सतर्क किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इसमें भारत के 64, इटली के 16 और कनाडा का एक व्यक्ति शामिल है। संक्रमण की आशंका के मद्देनजर 11 राज्यों उत्तरखंड, ओडिशा, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, मणिपुर, महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली और हरियाणा ने कोरोनावायरस को महामारी और ओडिशा ने आपदा घोषित किया है। दिल्ली सरकार ने कहा कि अगर कोई संक्रमित या संदिग्ध इलाज से इनकार करता है तो उस पर एक्शन लिया जाएगा। संक्रमण की आशंका के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में अब केवल अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई होगी। कोर्ट रूप में नागरिकों की एंट्री पर भी बैन लगा दी गई है।

इस बीच, कोरोनावायरस से बेतरह प्रभावित ईरान से 44 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया का विमान शुक्रवार को मुंबई पहुंचा। इन सभी लोगों को आइसोलेशन में रखा जाएगा। ईरान के अलग-अलग प्रांतों में 6 हजार से ज्यादा नागरिक फंसे हुए हैं। सरकार इन्हें वापस लाने के प्रयास कर रही है। इटली में फंसे छात्रों लाने जाएगा एयर इंडिया का विमान।

एयर इंडिया ने शुक्रवार को इटली, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, दक्षिण कोरिया और श्रीलंका की उड़ानें 30 अप्रैल तक रद करने का फैसला लिया है। हालांकि, ईरान में फंसे भारतीयों को लाने के लिए विमान भेजा जाएगा। वहां 300 से ज्यादा भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त सचिव रुबिना अली ने कहा कि एयर इंडिया का विमान इटली के मिलान में फंसे भारतीय छात्रों को लाएगा। यह विमान शनिवार दोपहर वहां से रवाना होगा और रविवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मिलान से 220 छात्रों को लाया जाएगा। मंत्रालय ने कहा है कि अगर और छात्र वहां फंसे हो तो सरकार से संपर्क करें।

टेस्ट में निगेटिव पाए जाने पर 236 लोग डिस्चार्ज किए गए

स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सरकार अभी तक 42,296 यात्रियों की कॉम्युनिटी सर्विलांस के तहत जांच करवा चुकी है। इनमें से 2,559 लोगों में संक्रमण के लक्षण नजर आए थे। 522 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनमें 17 विदेशी नागरिक हैं। दूसरे चरण में जांच के बाद निगेटिव पाए जाने पर जापान से लाए गए 124 और चीन से लाए गए 112 लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। यह समझना जरूरी है कि एपिडेमिक कानून लागू करने का मतलब, स्वास्थ्य इमरजेंसी नहीं है। हम इस स्थिति से निपटने के लिए राज्यों की मदद कर रहे हैं।

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