चाइनीज वायरस कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की कमर ही टूट गयी है। एमएसएमई मंत्रालय इसको उबारने, मदद देने और पैकेज तैयार करने में लगा है। एमएसएमई केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने जनता व एमएसएमई उद्यमियों से सुझाव लिए हैं।

सूत्रों ने बताया कि सुझावों के आधार पर राहत और मदद का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2020 की जीडीपी वृद्धि दर 4 फीसदी तक आ जाएगी। तैयार किए जा रहे ड्राफ्ट के अनुसार टैक्स में छूट, आसान शर्तों पर ऋण, जीएसटी लगभग 6 महीनों के लिए माफ करने, बकाया जीएसटी के लिए दबाव न बनाने, आसान किस्तों में बिना जुर्माने और ब्याज के भुगतान करने की सुविधा देने, पहले से लिए गए ऋण की किस्तें सितंबर-अक्तूबर के बाद ही मांगने की सिफारिश की जा सकती है।

कुछ समय तक कामगारों का मेहनताना सरकार दे

ड्राफ्ट में सुझाव दिया जाएगा कि कामगारों के मेहनताने का भुगतान कुछ समय तक सरकार करे या फिर कोई ऐसा तरीका निकाला जाए जिससे उद्यमी पर एक साथ बहुत सारा बोझ ना पड़े। लघु, कुटीर, हैंडलूम, दस्तकारी, होटल, रेस्तरां आदि के समक्ष नकदी का भी संकट आयेगा। इनके लिए दीर्घकालीन योजनाएं बनाने की ज्यादा जरूरत होगी। विदेशों से सस्ते आयात पर भी रोक लगाने की सिफारिश की जाएगी। पूर्वोत्तर भारत में बड़ी मेहनत से खड़े किए लघु उद्योग भारी नुकसान में हैं। हैंडलूम, रबड़, खाद्य प्रसंस्करण, सर्विस सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इनको उबारने के लिए छोटे-छोटे कलस्टर, साझा सुविधा केंद्र बनाने, इनके लिए सरल औद्योगिक और निवेश नीति लागू करने तथा बैंकों द्वारा इनकी भरपूर आर्थिक मदद करने की बात कही जाएगी।

50 लाख तक के सस्ते ऋण का सुझाव

दो साल या अधिक समय से हैंड सेनिटाइजर, मास्क, टोपियां, बॉडी सूट, जूतों के कवर, प्रोटेक्टिव चश्मे और वेंटिलेटर बना रहे छोटे उद्योगों को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक 5 साल के लिए 5 फीसदी ब्याज पर 50 लाख का ऋण दें। एमएसएमई निर्यातकों को सरकार प्रोत्साहन पैकेज दे।

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