हारकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के दूसरे दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यूनिवर्सिटी ऐसा प्रोजेक्ट तैयार करें जो समाज के लिए हितकारी हों। उनका प्रयास बेहतर समाज बनाने में कारगर साबित हो सकता है। इस दिशा में कई यूनिवर्सिटी कार्य कर भी रहे हैं। वह 5-5 गांव गोद ले चुकी हैं। ये टीबी उन्मूलन, स्वच्छता, गंगा सफाई,एचआईवी रोकथाम के क्षेत्र में काम कर रहीं हैं। 

उन्होंने कहा कि मैं गुजरात से आईं हूं। जहां नेता, मंत्री हो या आम आदमी हथियार नहीं रखते हैं। बेटियों को पहली कक्षा से लेकर यूनिवर्सिटी में दाखिला का मौका मिले, इसे सुनिश्चित करना होगा। इसीलिए अब बेटियों को कॉलेज पंहुचने से न रोका जाए। इसके लिए राज्य सरकार 15 हजार रुपए विभिन्न माध्यम से उनके खातों में भेजती हैं। दोबारा स्कूल खुलने पर सभी का दाखिला हो ये हम सबकी जिम्मेदारी होनी चाहिए।

कहा कि उनकी पहल पर जेल में बंद 31 महिलाओं को सजा से मुक्त किया गया है। इनमें 25 महिलाएं दहेज हत्या के आरोप में बंद थीं। दहेज लेने की सोच ने उनका जीवन बर्बाद कर दिया था। पढ़ी लिखी नई पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि वह दहेज के अभिशाप को खत्म कराएं। अब लोग जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने छात्रों को कुछ प्रेरणादायक प्रसंग भी सुनाए। कोरोना काल के बाद अब छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा के अवसर मुहैया कराने के लिए यूनिवर्सिटी के कार्यों की भी सराहना की।

मथुरा के शुभम को दो गोल्ड मेडल, 572 को मिली उपाधि
हारकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के दूसरे दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को मथुरा के मकैनिकल इंजीनियरिंग के शुभम कुमार सिंह को दो स्वर्ण पदक दिया गया। कुलाधिपति और कुलपति स्वर्णपदक शुभम के नाम रहा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेडल पहनाया तो उपस्थित छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच शुभम का उत्साहवर्धन किया। यहां कुल 35 छात्रों को 36 मेडल दिए गए।  

उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए विश्व का केंद्र बना भारत
हारकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के दूसरे दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि अब वह दिन चले गए जब देश के छात्र विदेश में उच्च शिक्षा और अच्छी नौकरी के लिए जाया करते थे।अब इसका केंद्र भारत बन गया है। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति आनन्दीबेन पटेल ने किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर ज़ोर दिया। प्राविधिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने भी विचार प्रकट किए। इस अवसर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र शुभम को कुलाधिपति और कुलपति स्वर्ण पदक दिए गए। कुल 35 छात्रों को 36 पदक दिए गए। कुल 572 को उपाधियां मिलीं। एचबीटीयू में बीटेक के 445, एमसीए के 55 और एमटेक के 72 छात्र-छात्राओं को मिलाकर कुल 572 डिग्रियां दी जाएंगी। कुलाधिपति स्वर्ण के अलावा 13 स्वर्ण, 12 रजत और 10 कांस्य पदक दिए गए। 

समाजसेवी सम्मानित हुए
नदियों पर कार्य करने वाले ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, सरिता क्षत्रिय वहाब और रोटी बैंक के धर्मेंद्र कुमार सिंह को मानपत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। 15 विद्यार्थियों को प्रेरणादायी पुस्तकें दी गईं।  कुलपति प्रोफेसर एनबी सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट पेश की। कुलसचिव डॉक्टर नीरज कुमार सिंह ने संचालन किया।

इन मेधावियों को मिले पदक

  • कुलाधिपति स्वर्णः शुभम कुमार सिंह
  • स्वर्ण पदकः शुभम कुमार सिंह, निर्मल सिंह, निशिता सिंह, धर्मेंद्र सिंह, प्रगति अग्रवाल, हर्षित मौर्या, शिवांगी पांडेय, पूनम कुमारी, सिद्धार्थ गुप्ता, अंबर रस्तोगी, नवीन कुमार कुशवाहा, श्रृष्टि सिन्हा, शिवम चौहान
  • रजत पदकः सुहासी मेहरोत्रा, अभिनव जैन, पंकज, रितिका गुप्ता, अंकित सिंह चौधरी, प्रशांत लवानिया, देवयानी गोयल, संध्या वर्मा, श्वेता चौधरी, अमन कुशवाहा, चारूल अग्रवाल और अनीता हेमराजनी
  • कांस्य पदकः अंजली पटेल, राज सिंह, एश्वर्या मिश्रा, नेहा यादव, रमन सचान, सुमित कुमार, शालु तोमर, सृष्टि खन्ना, शिवम सिंह, आकांक्षा शुक्ला

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