रूस की कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक-वी के एकल शॉट वर्जन के डेवलपर्स ने कहा कि भारत उन देशों में शामिल होगा जहां आने वाले महीनों में इसका उत्पादन किया जाएगा। आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रिग ने एक न्यूज ब्रीफिंग में बताया कि स्पुतनिक लाइट ‘वायरल सर्जेस वाले कई देशों के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान’ हो सकता है, क्योंकि इससे ‘गंभीर संक्रमणों के खिलाफ 100% सुरक्षा’ के नतीजे मिले हैं। दिमित्रिग ने भारत, दक्षिण कोरिया और चीन का नाम उन देशों में रखा है जो स्पुतनिक लाइट का उत्पादन करेंगे। उन्होंने कहा, “हमने 10 देशों में 20 से अधिक उत्पादकों के साथ साझेदारी की है और वे वैक्सीन के दोनों वर्जन बनाएंगे।”
रूस ने कोविड-19 रोधी अपने टीके स्पूतनिक-वी की एकल-खुराक वाले वर्जन को गुरुवार को नियामक मंजूरी प्रदान कर दी। प्रशासन की ओर से कहा गया कि इस कदम से कोरोना वायरस के खिलाफ सामूहिक प्रतिरक्षा प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। टीके के इस वर्जन का नाम ‘स्पुतनिक लाइट’ है और यह दो-खुराक वाले स्पुतनिक-वी की पहली खुराक के समान है। इसे अभी तक स्थापित वैज्ञानिक प्रोटोकॉल के अनुरूप इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उन्नत परीक्षण पूरा करना बाकी है।
जनवरी में शुरू हुआ ‘स्पुतनिक लाइट’ का मानव परीक्षण
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार रूस ने जनवरी में ‘स्पुतनिक लाइट’ का मानव परीक्षण शुरू किया था और अध्ययन अभी भी जारी हैं। ‘स्पुतनिक लाइट’ रूस में स्वीकृत चौथा घरेलू विकसित कोविड-19 रोधी टीका है जिसे देश में मंजूरी दी गई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे उपयोग के लिए अधिकृत करने के निर्णय पर टिप्पणी करते हुए गुरुवार को कहा, ‘‘यह जानकर अच्छा लगा कि (कोविड-19 के खिलाफ) इस उपकरण का विस्तार हो रहा है।’’
‘सामूहिक प्रतिरक्षा बनाने की प्रक्रिया को गति देने में मदद’
रूसी स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा कि चौथे टीके को अधिकृत करने से वायरस के खिलाफ सामूहिक प्रतिरक्षा बनाने की प्रक्रिया को गति देने में मदद मिलेगी। अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड-19 के खिलाफ सामूहिक प्रतिरक्षा हासिल करने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण आवश्यक है, लेकिन सटीक सीमा अभी भी अज्ञात है।