बर्लिन (एजेंसी) । चीन को एक बड़ा कूटनीतिक झटका देते हुए, जर्मनी ने कानून के शासन को बढ़ावा देने के लिए भारत-प्रशांत में लोकतांत्रिक देशों के साथ मजबूत साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है।

निक्केई एशियन रिव्यू की रिपोर्ट के अनुसार, भारत-प्रशांत रणनीति के प्रति बर्लिन का झुकाव मानवाधिकारों पर चीन के (खराब) ट्रैक रिकॉर्ड और इस देश (चीन पर) उसकी आर्थिक निर्भरता पर यूरोप के चिंता व्यक्त करने के बाद हुआ है.

जर्मन विदेश मंत्री हेइको मास ने कहा, “हम भविष्य की वैश्विक व्यवस्था को आकार देने में मदद करना चाहते हैं ताकि यह नियमों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर आधारित हो, न कि किसी शक्तिशाली के कानून पर। इसीलिए हमने उन देशों के साथ सहयोग तेज किया है जो हमारे लोकतांत्रिक और उदारवादी मूल्यों को साझा करते हैं.”

भारत-प्रशांत रणनीति को जापान, ऑस्ट्रेलिया, आसियान देशो सहित कई का समर्थन

जर्मनी ने भारत-प्रशांत दृष्टिकोण से संबंधित नए दिशानिर्देशों को अपनाया और इस क्षेत्र में कानून के शासन और खुले बाजारों को बढ़ावा देने के महत्व पर बल दिया।भारत-प्रशांत रणनीति का जापान, ऑस्ट्रेलिया और आसियान सदस्यों सहित अन्य कई देशों ने समर्थन किया है।

निक्केई एशियन रिव्यू के अनुसार, चीन एशिया में जर्मनी का कूटनीतिक केंद्र बिंदु था, जिसके चलते जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल लगभग हर साल चीन का दौरा करती थीं। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में होने वाले जर्मनी के कुल व्यापार का 50 प्रतिशत व्यापार चीन के साथ होता है।

हालांकि जैसी कि आशा थी, आर्थिक विकास ने चीनी बाजार नहीं खोला है।।चीन में काम कर रही जर्मन कंपनियों को चीनी सरकार ने उन्हें टेक्नोलॉजी सौंपने के लिए मजबूर किया गया है। इसके अलावा, यूरोपीय संघ (EU) और चीन के बीच इस तरह के मुद्दों को हल करने के लिए एक निवेश संधि के बारे में चीन ने बातचीत को रोक दिया है, जिससे बीजिंग पर बढ़ती आर्थिक निर्भरता के बारे में बर्लिन की चिंता बढ़ गई है।

यह कदम हांगकांग में चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के लिए उनके कंसेन्ट्रेशन शिविरों की बढ़ती आलोचना के बीच आया, जिसने मर्केल की चीन समर्थक नीतियों के खिलाफ बढ़ते प्रतिरोध को और बढ़ा दिया है।।

बीजिंग के बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) में भाग लेने वाले देशों के भारी कर्ज के बोझ की आलोचना सहित जर्मनी का नया भारत-प्रशांत दृष्टिकोण चीन पर एक सख्त रुख अपनाता है।