दक्षिण अफ्रीका के सुप्रीम कोर्ट ने देश के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के लिए मंगलवार को 15 महीने कैद की सजा सुनाई। पिछले वर्ष नवंबर में स्टेट कैप्चर में जांच आयोग के समक्ष सुनवाई का बहिष्कार करने और फिर इसमें शामिल होने से इंकार करने के लिए उन्हें सजा सुनाई गई।
अदालत ने यह भी कहा कि सजा निलंबित नहीं की जा सकती है। विभिन्न संस्थानों में भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों की जांच कर रहे आयोग ने कहा था कि जुमा को दो वर्ष कैद की सजा दी जाए। जुमा ने बार-बार कहा है कि आयोग के साथ सहयोग करने के बजाए वह जेल जाएंगे।
सांविधानिक अदालत की न्यायमूर्ति सिसी खाम्पेपे द्वारा मंगलवार की सुबह दिए गए फैसले में उन्होंने जुमा के बयानों को विचित्र एवं नहीं बर्दाश्त करने योग्य बताया। न्यायाधीश ने कहा, सांविधानिक अदालत का मानना है कि जिस व्यक्ति (जुमा) ने दो बार गणतंत्र (दक्षिण अफ्रीका), इसके कानून एवं संविधान की शपथ ली, उसने कानून की उपेक्षा की, इसे कमतर आंका और कई तरह से इसे खत्म करने का प्रयास किया। खाम्पेपे ने कहा, पीठ के ज्यादातर न्यायाधीश यह मानते हैं कि कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए कि इस तरह से अवज्ञा और उल्लंघन गैर कानूनी है और दंडित किया जाएगा।