वाराणसी। बाहुबली मुख्तार अंसारी पर पोटा लगाने वाले पूर्व सीओ शैलेंद्र सिंह को सरकार से राहत मिली है। सरकार ने शैलेंद्र सिंह पर दर्ज मुकदमे को वापस ले लिया है। बता दें कि साल 2004 में शैलेंद्र सिंह ने माफिया मुख्तार अंसारी पर पोटा के तहत कार्रवाई की थी।
सेना से चुराई गई थी मशीनगन
साल 2004 में शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार के ठिकाने से लाइट मशीनगन (एलएमजी) बरामद किया था। इस एलएमजी को मुख्तार ने अपने गुर्गे के जरिए सेना से चुरा लिया था, जिसके बाद उन्होंने मुख्तार पर पोटा लगा दिया था। हालांकि शैलेंद्र की कार्रवाई के बाद तत्कालीन सरकार ने उनसे इस्तीफा ले लिया था और कुछ ही दिनों बाद वाराणसी के कैंट थाने में उनके खिलाफ डीएम दफ्तर के रेस्ट रूम में घुसकर तोड़फोड़, मारपीट और हंगामा करने का मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसे अब वर्तमान सरकार ने वापस ले लिया है।
फेसबुक पर ज़ाहिर की खुशी
शैलेंद्र सिंह ने इस फैसले पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए अपने फेसबुक अकाउंट पर कोर्ट के आदेश की प्रति शेयर करते हुए लिखा है कि, ‘2004 में जब मैनें माफिया मुख्तार अंसारी पर एलएमजी केस में पोटा लगा दिया था, तो मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया गया, जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे डिप्टी एसपी पद से त्यागपत्र देना पड़ा था’।
उल्टे दर्ज हुआ आपराधिक मुक़दमा
उन्होंने आगे लिखा है कि ‘इस घटना के कुछ महीने बाद ही मेरे ऊपर वाराणसी में अपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया। लेकिन जब सीएम योगी की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया। जिसे माननीय सीजेएम न्यायालय द्वारा 6 मार्च 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई। संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ’।
राजनीति में भी आजमाई किस्मत
बता दें कि पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देने के बाद शैलेंद्र सिंह राजनीति में आ गए। वह वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चंदौली से लोकसभा का चुनाव लड़े। वो रहने वाले भी चंदौली के ही हैं। चुनाव में उनको 1 लाख से ज्यादा वोट मिले। हालांकि, इसके बाद भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2012 में शैलेंद्र चंदौली की ही सैयदराजा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े। इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले शैलेंद्र सिंह में भाजपा में शामिल हो गए थे।