नई दिल्ली। चीन में भारत के पूर्व राजदूत और जाने माने राजनयिक विक्रम मिसरी को देश का नया उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डिप्टी एनएसए) बनाया गया है। 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) अधिकारी मिसरी हाल ही में बीजिंग में अपना कार्यकाल पूरा कर सेवानिवृत्त हुए हैं और उनकी जगह प्रदीप कुमार रावत को चीन में भारत का नया राजदूत नियुक्त किया गया है। वो मौजूदा डिप्टी एनएसए पंकज सरन की जगह लेंगे जो 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। मिसरी एनएसए अजीत डोभाल की टीम का अहम हिस्सा होंगे और उन्हीं को रिपोर्ट करेंगे।

उनकी इस पद पर नियुक्ति चीन के साथ भारत के मौजूदा तनावपूर्ण रिश्तों को देखते हुए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पिछले साल मई में चीन के सैनिकों के भारत के पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में अवैध तरीके से घुस आने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं। इस तनाव भरे महौल में भारत व चीन के बीच संवाद को जारी रखने में मिसरी ने बेहद अहम भूमिका निभाई थी। बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय के साथ उन्होंने लगातार संपर्क कायम रखा। इसकी वजह से ही बेहद खराब हालात के बावजूद भारत व चीन के बीच सैन्य कमांडर स्तर और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता का दौर जारी हुआ था। इस वार्ता की वजह से कुछ इलाकों से चीन ने अपने सैनिकों को वापस बुलाया था। वार्ता का दौर अभी भी जारी है।

डोकलाम तनाव के बाद बने थे चीन में राजदूत

भूटान की सीमा पर डोकलाम में जब भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने थीं और दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था। उसके बाद ही मिसरी को चीन में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया था। सात नवंबर, 1964 में श्रीनगर में पैदा हुए मिसरी विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी समेत कई पद संभाल चुके हैं।

मिसरी 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) अधिकारी हैं। उन्हें हिंद प्रशांत क्षेत्र के मामलों में भी अच्छा रणनीतिकार माना जाता है। वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को रिपोर्ट करेंगे। एनएसए सचिवालय में दो अन्य डिप्टी एनएसए और हैं, जिनके नाम राजेंद्र खन्ना और दत्ता पंडासालगिकर है।

मिसरी विदेश मंत्रालय के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय में भी अपनी सेवा दे चुके हैं। वह अक्टूबर 2012 से मई 2014 तक पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल में और उसके बाद मई 2014 से जुलाई 2014 तक पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ बतौर निची सचिव काम कर चुके हैं। इसके पहले म्यांमार और स्पेन में भारतीय राजदूत के तौर पर भी अपनी सेवा दे चुके हैं।

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